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मध्य प्रदेश: आनंदपुर में हर बुधवार को होता है खिर दान 

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  Published by: Fulchand Malviya , Date: 25/04/2024 01:06:47 pm Share:
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  • 25/04/2024 01:06:47 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: आनंदपुर से करीब 12 किमी दूर ग्राम काला देव गांव में हर बुधवार  शाम को बौद्ध मिलन कार्यक्रम किया जाता है इसमें सर्वप्रथम बुद्ध और उसके धम्म ग्रंथ का वाचन व सामूहिक बुद्ध बंदना और संविधान की उद्देशिका का वाचन करने के बाद सभी बुद्ध अनुयायियों को खीर दान का कार्यक्रम पंक्तिबद्ध बैठकर खीर ग्रहण करते हैं इस कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले हरि शंकर पौधे ने बताया कि यह बुद्ध मिलन का कार्यक्रम पिछले 3 साल से निरंतर चल रहा है। 

विस्तार

मध्य प्रदेश: आनंदपुर से करीब 12 किमी दूर ग्राम काला देव गांव में हर बुधवार  शाम को बौद्ध मिलन कार्यक्रम किया जाता है इसमें सर्वप्रथम बुद्ध और उसके धम्म ग्रंथ का वाचन व सामूहिक बुद्ध बंदना और संविधान की उद्देशिका का वाचन करने के बाद सभी बुद्ध अनुयायियों को खीर दान का कार्यक्रम पंक्तिबद्ध बैठकर खीर ग्रहण करते हैं इस कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले हरि शंकर पौधे ने बताया कि यह बुद्ध मिलन का कार्यक्रम पिछले 3 साल से निरंतर चल रहा है। 


गर्मी सर्दी या बरसात किसी भी मौसम में ऐसा कोई भी बुधवार का दिन नहीं बिता दिन सामूहिक बुद्ध वंदना और उनके धम्म ग्रंथ का वाचन और घर कदन का कार्यक्रम रखा गया है वहां पर सभी को नियत समय पर आना है सभी लोग बुधवार के दिन निर्धारित समय पर पहुंच जाते हैं सबसे पहले बुद्ध और उनके धम्म ग्रंथ का सामूहिक वाचन सर बुद्ध वंदना की जाती है इसके बाद फिर दान का कार्यक्रम होता है इसमें गांव के समस्त बुद्ध अनुयाई उपस्थित होते हैं। 


 इस बौद्ध मिलन कार्यक्रम में कदन का मुख्य उद्देश्य यही रहा है की कम से कम एक दिन सभी बुद्ध धम्म को मानने वाले और एक विचारधारा पर चलने वाले व्यक्ति सामूहिक एक तांत्रित होकर विचार विमर्श कर सकें समाज मैं नव चेतना लाने और समाज के लोगों में तालमेल और एक जूता के मकसद से यह कार्यक्रम रखा जाता है। 


संविधान की उद्देशिका का वाचन कर खरीदने ना की गई हो इस बौद्ध मिलन कार्यक्रम में खीर दान के लिए बोधगया के क बौद्ध ने प्रेरित किया था इसी कार्यक्रम में शिक्षक हरि मोहन अहिरवार की सलाह पर इसमें बुद्ध और उनके ग्रंथ का वाचन और संविधान के उद्देशिका का वचन करना प्रारंभ किया था समाज के लोगों को एक सूत्र में वीरों ने की पहल इस कार्यक्रम के तीन साल पूरे हो चुके हैं हरि दान का कार्यक्रम कोई व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं किया जाता है बल्कि बुधवार के ही दिन कोई ना कोई बुद्ध अन्य यह बता देता है।