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राजस्थान: दिव्यांग महिला सीमा त्यागी योगिनी की संघर्षपूर्ण यात्रा और समाज सेवा में योगदान
- Photo by : social media
विस्तार
राजस्थान: आज जोधपुर पुलिस की मित्र दिव्यांग महिला सीमा त्यागी योगिनी ने गुरु कृपा सेवाश्रम, आंगणवा मंडोर में अपने जीवन के संघर्षों और समाज सेवा के कार्यों को साझा किया। सीमा त्यागी ने बताया कि उनके जीवन में जो घटनाएँ घटीं, उनसे उन्हें यह सीखने का अवसर मिला कि "भाग्य कोई लिखा हुआ दस्तावेज़ नहीं होता, इसे रोज़ लिखना पड़ता है। सीमा त्यागी ने अपने जीवन में एक संघीय आपराधिक घटना का सामना किया, जिसके बाद उन्होंने महिला सुरक्षा और अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपनी दिव्यांग गुरु, डॉ. कुसुम लता भंडारी से मार्गदर्शन लिया और पुलिस से मदद न मिलने पर 24 जनवरी 2012 से 9 अक्टूबर 2021 तक अनुबंध वृद्ध आश्रम में निवास किया। इस दौरान उन्होंने शासन, प्रशासन, महिला आयोग, सर्वोच्च न्यायालय, और अन्य सरकारी तंत्रों से संपर्क किया और कई समस्याओं का सामना किया, लेकिन अंततः उन्हें नकारात्मकता से बाहर निकलने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों और अधिकारियों का सहयोग मिला। सीमा त्यागी ने बताया कि उन्हें पुलिस और जिला कलेक्टर से भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ, साथ ही जोधपुर के उपनिदेशक समाज कल्याण विभाग ने उनकी पुनर्वास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से राष्ट्रीय स्तर पर 'परोपकारी पुत्री' के रूप में पहचान बनाई और एक उच्च सरकारी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। आज, वह एक आत्मनिर्भर महिला हैं, जिन्होंने अपने संघर्षों के बावजूद दिव्यांगता को अपने जीवन की बाधा नहीं बनने दिया। इस मौके पर, राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं भ्रष्टाचार निवारण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय संगठन मंत्री धनपाल मीना ने सीमा त्यागी के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, "आप जैसी मातृशक्ति, जो विकलांग होते हुए भी अपनी प्रतिभा को समाज सेवा, दीन दुखी बच्चों और महिलाओं के सेवा में लगाती हैं, वह समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सीमा त्यागी योगिनी ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए यह भी बताया कि अब उन्हें अपने जीवन में केवल अपने परिवार की खुशी और समाज सेवा के लिए आगे बढ़ने का उद्देश्य है। उनके संघर्ष और समर्पण ने उन्हें न केवल व्यक्तिगत विजय दिलाई, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी दी है। यह कहानी न केवल दिव्यांगता को परिभाषित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संघर्ष और साहस से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। सीमा त्यागी योगिनी का जीवन उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो जीवन में कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।