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उत्तराखंड: इंडियन पब्लिक स्कूल विकासनगर में डॉ. अतुल कृष्ण ने दिया ‘देश प्रथम, सदैव प्रथम’ का संदेश
- Photo by : social media
संक्षेप
उत्तराखंड: इंडियन पब्लिक स्कूल विकास नगर में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विस्तार
उत्तराखंड: इंडियन पब्लिक स्कूल विकास नगर में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सुभारती समूह के संस्थापक डॉक्टर अतुल कृष्ण बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। उन्होंने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए "देश प्रथम सदैव प्रथम", "वंदे मातरम" और "जय हिंद" के महत्व पर विस्तार से बताया। डॉक्टर अतुल कृष्ण ने बताया कि 6 नवंबर का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन जापान ने अखंड भारत के अंतर्गत अंडमान निकोबार द्वीप समूह को भारत को सौंपा था। उन्होंने आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों के महत्वपूर्ण योगदान को भी याद किया।
डॉक्टर अतुल कृष्ण ने छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत के साथ-साथ आजाद हिंद गान का भी गायन विभिन्न अवसरों पर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने राष्ट्रीय चरित्र को सुधारने की आवश्यकता है और राष्ट्रहित में ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपने व्यक्तिगत कार्यों को करते समय राष्ट्रहित को प्राथमिकता देना हम सभी का कर्तव्य है। डॉक्टर अतुल कृष्ण ने छात्र-छात्राओं को अपने जन्मदिन पर "पंचशील" अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पंचशील के अंतर्गत माता-पिता एवं गुरु के चरण वंदन करना, रक्तदान करना, पौधा रोपण करना, माता-पिता से कोई पुस्तक उपहार में लेना और किसी निर्धन को स्वयं उपहार देना, और सैनिकों का सम्मान करना, उनके परिवार से मिलना, उनकी शौर्य गाथा पढ़ना शामिल है। इस अवसर पर राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान देहरादून जनपद के निदेशक डॉ रवीन्द्र सैनी और भारत रक्षा मंच के प्रदेश संगठन मंत्री रघुनाथ सिंह ने भी छात्र-छात्राओं को राष्ट्रप्रथम सदैव प्रथम, वंदे मातरम, जय हिंद जैसे विषयों पर संबोधित किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल बोहरा जी ने सभी का धन्यवाद करते हुए छात्र-छात्राओं को डॉक्टर अतुल कृष्ण के संबोधन से प्रेरणा लेते हुए उनके द्वारा बताए गए सभी सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।