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आद्रवन प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां लेहड़ा देवी मंदिर आस्था का केन्द्र, अज्ञातवास में पांडवों ने यहां बिताए थे अपने दिन
 

अज्ञातवास में पांडवों ने यहां बिताए थे अपने दिन - Photo by : Ncr Samachar

उत्तर प्रदेश महराजगंज   Published by: admin , Date: 26/09/2022 02:56:18 pm Share:
  • उत्तर प्रदेश महराजगंज
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  • 26/09/2022 02:56:18 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश महराजगंज जिले के तहसील फरेंदा में नवरात्रि के इस पावन पर्व पर पूर्वांचल के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक फरेंदा क्षेत्र में स्थित आद्रवन लेहड़ा मंदिर में मनोकामना लेकर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से कोई भी मुराद मांगने पर वह पूरा हो जाएगा।

विस्तार

वीरेन्द्र सिंह यादव / एनसीआर समाचार

उत्तर प्रदेश महराजगंज जिले के तहसील फरेंदा में नवरात्रि के इस पावन पर्व पर पूर्वांचल के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक फरेंदा क्षेत्र में स्थित आद्रवन लेहड़ा मंदिर में मनोकामना लेकर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से कोई भी मुराद मांगने पर वह पूरा हो जाएगा। मां के दरबार में श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं। वैसे तो यहां पूरे वर्ष भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र के दिनों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ता है। 

लोक मान्यताओं के अनुसार प्राचीनकाल में यह स्थल आद्रवन नामक घने जंगल से आच्छादित था। यहां पवह नामक प्राचीन नदी के तट पर मां वनदेवी दुर्गा का पवित्र मंदिर अवस्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस देवी मंदिर की स्थापना महाभारत काल में पांडवों के अज्ञातवास काल में स्वयं अर्जुन ने की थी। इस धार्मिक स्थल का प्राचीन नाम अदरौना देवी रहा, जो वर्तमान में लेहड़ा देवी के नाम से विख्यात है। 

प्राचीन लोक मान्यता के अनुसार महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास की अधिकांश अवधि यही सघन आद्रवन में व्यतीत की इसी अवधि में अर्जुन ने यहां वनदेवी की आराधना की थी। आराधना से प्रसन्न होकर वनदेवी मां भगवती दुर्गा ने अर्जुन को अनेक शक्तियां प्रदान की थीं। तत्पश्चात मां भगवती के आदेश पर अर्जुन ने इस शक्तिपीठ की स्थापना की थी, बाद में यही अदरौना देवी के नाम से प्रसिद्ध हुई।
 


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