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बिहार: बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं का आमरण अनशन, सरकार की चुप्पी पर सवाल 

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बिहार  Published by: Fulchand Malviya , Date: 01/03/2025 05:19:54 pm Share:
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  • 01/03/2025 05:19:54 pm
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संक्षेप

बिहार: बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं का आमरण अनशन सात दिनों से जारी है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भिक्षुओं का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।  

विस्तार

बिहार: बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं का आमरण अनशन सात दिनों से जारी है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भिक्षुओं का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।  

बोधगया एक पवित्र स्थल है, जो भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्त करने की जगह के रूप में जाना जाता है। लेकिन ब्राह्मणों ने इस स्थल पर कब्जा कर रखा है, जो बौद्ध समुदाय के लिए एक बड़ा मुद्दा है। यह स्थल चक्रवर्ती सम्राट महाराज बलि, सम्राट अशोक, और तथागत बुद्ध जैसे महान व्यक्तित्वों से जुड़ा हुआ है।  

मिशन महाराजा बली सेना मध्य प्रदेश के प्रमुख राहुल नवरंग ने कहा, "हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपने लहू की आखिरी सांस तक लड़ेंगे, चाहे इसके लिए हमें अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़े। हमारा संगठन मिशन महाराजा बली सेना मध्य प्रदेश इस आंदोलन का समर्थन करता है और हम अपने साथियों के साथ मिलकर लड़ेंगे।"  

उन्होंने आगे कहा, "बोधगया हमारे पूर्वजों की विरासत है और हम इसे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि वे हमारी मांगों पर ध्यान दें और हमें हमारे अधिकार दें।"  

इस आंदोलन में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें राहुल नवरंग भी शामिल हैं। राहुल नवरंग का फोन बंद बता रहा है, जिससे उनके परिवार और दोस्तों को चिंता हो रही है।  

भिक्षुओं ने कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगे और अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन बौद्ध समुदाय के अधिकारों के लिए है और वे इसे जारी रखेंगे।  

इस मुद्दे पर बहुजन समाज के कुछ चैनलों ने खबर दिखाई है, लेकिन मुख्यधारा की मीडिया इस खबर को अनदेखा कर रही है। भिक्षुओं का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।