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बिहार: पीएचसी में डॉक्टर नदारत, परिजन मजबूर होकर स्ट्रेचर पर शव घसीटते हुए घर ले गए
- Photo by : social media
संक्षेप
बिहार: नवादा के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से दिल दहला देने वाला मामला रविवार की रात्रि सामने आया है, जहां एक महिला की मौत के बाद उसके परिजन शव को स्ट्रेचर पर घसीटते हुए पूरे बाजार से घर ले जाते दिखे. अ
विस्तार
बिहार: नवादा के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से दिल दहला देने वाला मामला रविवार की रात्रि सामने आया है, जहां एक महिला की मौत के बाद उसके परिजन शव को स्ट्रेचर पर घसीटते हुए पूरे बाजार से घर ले जाते दिखे. अस्पताल में एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिली और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अपने चैंबर से गायब थे नवादा जिले के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रविवार की रात्रि एक बेहद शर्मनाक दृश्य सामने आया है. यहां अकबरपुर बाजार के एक मृत महिला केशरी देवी 75 वर्ष पति रामचन्द्र साहनी के परिजन अस्पताल से शव को घर ले जाने के लिए स्ट्रेचर पर पूरे बाजार में घसीटते हुए जाते नजर आए. यह दृश्य न केवल भावुक कर देने वाला था, बल्कि बिहार की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल भी खड़ा करता है.एंबुलेंस नहीं, मजबूरी में स्ट्रेचर पर शव लेकर गए परिजन : परिजनों ने बताया कि महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई. काफी मिन्नतों के बाद उन्हें सिर्फ स्ट्रेचर ले जाने की अनुमति दी गई. इसके बाद मजबूरन परिजन स्ट्रेचर पर शव को घसीटते हुए घर की ओर निकल पड़े, जिसका वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. डॉक्टर नदारत, जीएनएम कर रहे थे इलाज : जब घटना की जांच की गई तो पाया गया कि उस समय जिसके ऊपर पीएचसी की जिम्मेदारी थी, वह डॉक्टर अपने चैंबर से नदारत था. मौके पर मौजूद जेएनएम ने बताया कि डॉक्टर की गैरमौजूदगी में वे ही मरीजों का इलाज करते हैं. डॉक्टर का इस तरह गायब होना स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है. बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल : यह घटना यह दिखाती है कि अस्पतालों में सुविधाओं की कितनी कमी है. एम्बुलेंस, डॉक्टरों की उपलब्धता, और आपातकालीन सेवाओं में भारी लापरवाही ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. अकबरपुर पीएचसी की यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, जबकि ऐसी कई घटनाएं प्रदेश में लगातार सामने आती रहती हैं. प्रशासन से जवाबदेही की मांग स्थानीय लोग और परिजन प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि समय पर एम्बुलेंस और डॉक्टर उपलब्ध होते, तो ऐसी दुखद और शर्मनाक स्थिति नहीं बनती। इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी राजेश कुमार से बात किया गया तो बताया कि रात्रि 11 बजे की मामला है ,जब पहले से मृत महिला को अस्पताल लाया गया ,वहां एंबुलेंस सेवा को कॉल करने को बोला गया ,लेकिन कॉल न करके वे स्वयं ले जाने लगे। चूंकि उनके परिजन जानपहचान में थे। अस्पताल से 500 मीटर दूरी पर हीं घर था ,तो सहायता के लिए अस्पताल का स्ट्रेकचर मांगकर खुद लेकर चले गए।
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