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बिहार: रजौली अनुमंडल में SC/ST अत्याचार निवारण सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक सम्पन्न, मुआवजा और पेंशन वितरण की समीक्षा
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संक्षेप
बिहार: निवार को अनुमण्डल पदाधिकारी रजौली स्वतंत्र कुमार सुमन की अध्यक्षता में अनुमण्डल सभाकक्ष रजौली में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत
विस्तार
बिहार: निवार को अनुमण्डल पदाधिकारी रजौली स्वतंत्र कुमार सुमन की अध्यक्षता में अनुमण्डल सभाकक्ष रजौली में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अनुमण्डल स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित विभागों के पदाधिकारी, समिति के सदस्य एवं आमंत्रित प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के दौरान वर्ष 1989 के SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम तथा संशोधित नियम 1995 एवं 2016 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी सदस्यों को दी गई तथा उपबंधों के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई।बैठक में वर्ष 2025 के दौरान पीड़ितों व आश्रितों को प्रदान की गई मुआवजा राशि की समीक्षा की गई। रजौली अनुमण्डल अंतर्गत पेंशनधारियों की कुल संख्या 19 है तथा माह अक्टूबर 2025 तक सभी 19 पेंशनधारियों को पेंशन राशि का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही हत्या के मामलों में आश्रितों को उपलब्ध कराई जा रही पेंशन भुगतान व्यवस्था का भी मूल्यांकन किया गया और लंबित मामलों को शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया गया। अधिनियम एवं नियमों के उपबंधों तथा विभागीय संकल्प के आलोक में नौकरी प्रदान किए जाने से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की गई। संकल्प निर्गत होने की तिथि से अब तक कुल 07 हत्या के मामले दर्ज हैं, जिनमें सभी 07 मामलों में प्रथम किस्त का भुगतान किया जा चुका है। आरोप गठन की सूचना प्राप्त 03 मामलों में कार्रवाई जारी है। परिचारी/परिचारी (विशिष्ट) के रूप में कुल 02 आश्रितों की नियुक्ति की गई है, जबकि एक मामला आश्रित के नाबालिग होने के कारण लंबित है। बैठक में अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति, उसके आश्रितों एवं साक्षियों को अन्वेषण एवं न्यायालयीय कार्यवाही हेतु उपलब्ध कराए जाने वाले यात्रा भत्ता एवं दैनिक भरण-पोषण भत्ता की भी अद्यतन समीक्षा की गई। दिनांक 03.12.2025 तक थाना से प्राप्त प्रतिवेदन एवं न्यायालय में उपस्थिति के आधार पर कुल 39 पीड़ितों, आश्रितों एवं साक्षियों को यात्रा भत्ता एवं दैनिक भरण-पोषण भत्ता का भुगतान उनके बैंक खाते में कर दिया गया है। अंत में अनुमण्डल पदाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिनियम से जुड़े मामलों में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा पीड़ितों को निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप सभी सुविधाएँ समय पर उपलब्ध कराई जाएँ।