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मध्य प्रदेश के सुड़गांव में मांझी जनजाति संघर्ष संयुक्त समिति की बैठक में की गई तालाब-नहर में ढीमर समाज के अधिकार की मांग
मांझी जनजाति संघर्ष संयुक्त समिति की बैठक - Photo by : NCR Samachar
संक्षेप
मध्य प्रदेश के सुड़गांव विकास खण्ड मोहगांव अन्तर्गत ग्राम बसनिया में एक दिवसीय बैठक आयोजित हुआ, जिसमें मांझी जनजाति संघर्ष संयुक्त समिति मोहगांव की बैठक का आयोजन बसनिया में किया गया।
विस्तार
इन्द्रमेन मार्को: मध्य प्रदेश के सुड़गांव विकास खण्ड मोहगांव अन्तर्गत ग्राम बसनिया में एक दिवसीय बैठक आयोजित हुआ, जिसमें मांझी जनजाति संघर्ष संयुक्त समिति मोहगांव की बैठक का आयोजन बसनिया में किया गया। इसमें ढीमर समाज के पिछड़े वर्ग में शामिल होकर जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की मांग तथा पेसा एक्ट के तहत जारी आदेश में संशोधन कर नहर तालाब में ढीमर समाज का अधिकार देने एवं 2008 के राज्य शासन के आदेश को ढीमर समाज के लिए सुरक्षित रखे जाने की मांग रखी गई। इसके साथ ही अनुसूचित पिछड़ा वर्ग सूची 12 विलोपित कर को अनुसूचित जनजाति की सूची सूची के 29 पर जोड़ा जाए। बैठक में मोहगांव ब्लॉक के सभी ग्रामों के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दी। आगामी जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में उपस्थित सदस्य मांझी समाज के प्रांत उपाध्यक्ष कालिका मांझी ब्लॉक अध्यक्ष जिला उपाध्यक्ष सगनू नंदा, ब्लॉक सचिव जगदेव नंदा, समाजसेवी मार्गदर्शक चिंतामणि नंदा, ज्वाला प्रसाद नंदा, डुमार नंदा, अक्कल नंदा, सदा नंदा, गणपत नंदा, उपसरपंच नारायण नंदा, गंगाराम नंदा, समाज के भाइयों, बहनों, युवाओ को संबोधन किया गया। ग्राम कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा। 9 फरवरी 2022 को मंडला में जिला स्तरीय कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से बातचीत की गई थी, जिसमें माझी समाज के मांगो को लेकर पूरा समुदाय तन मन धन से सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक मे गढी मलपहरी, चंदवारा, मोहनिया पटपरा, देवगाँव से कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उपस्थित माझी समाज के प्रतिभागी सहयोगी जगदीश प्रसाद नंदा, गोपाल प्रसाद नंदा, शरद नंदा, कृष्ण कुमार नंदा, कलीराम नंदा, राम कुमार नंदा, महेंद्र नंदा, रामचरण नंदा, मुन्ना नंदा, प्रमोद नंदा, सुखराम नंदा, शिवरतन नंदा, मनोज नंदा, राजेश नंदा, कमलेश नंदा, प्रभु नंदा, रवि कुमार, रविंद्र नंदा, समारू नंदा, कछारी नंदा, मातृ शक्ति उपस्थित रहे। जय माझी, जय निषाद, जय केवट, जय ढीमर, जय रैकवार, जय वर्मन आदि मौजूद रहे।