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किसान साथियों को अपनी फसल के नुकसान को लेकर कुछ बातों का रखना होगा खास ध्यान
किसान साथियों को रखना होगा खास ध्यान - Photo by : Ncr Samachar
संक्षेप
फसलों की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट (फसल कटाई प्रयोग) पर कार्य चल रही है मोठ की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट लगभग पटवार मंडलों में हो चुकी है मूंग की भी क्रॉप कटिंग रिपोर्ट हो चुकी है कुछ पटवार हल्को में बाकी है या चल रही है।ग्वार, बाजरी चंवला मुंगफली की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट बाकी है।
विस्तार
राजस्थान चुरू जिले के कई स्थानों पर पिछले कई दिनों लगातार हो रही बेमौसमी बरसात के कारण किसान की फसल नष्ट हो रही है किसान साथियों को अपनी फसल के नुकसान को लेकर कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। 1. इस समय फसलों की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट (फसल कटाई प्रयोग) पर कार्य चल रही है मोठ की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट लगभग पटवार मंडलों में हो चुकी है मूंग की भी क्रॉप कटिंग रिपोर्ट हो चुकी है कुछ पटवार हल्को में बाकी है या चल रही है।ग्वार, बाजरी चंवला मुंगफली की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट बाकी है। 2. जहां पर क्रॉप कटिंग रिपोर्ट बाकी है वहां के किसानों को क्रॉप कटिंग करने के लिए अधिकृत अपने पटवार हल्के के पटवारी व कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर इस बरसात के कारण खराब हुई फसल का निरीक्षण करवाना चाहिए तथा क्रॉप कटिंग रिपोर्ट में उस खराब फसल का आंकलन व मूल्यांकन हो जाएगा। 3. जिन पटवार हल्को की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट हो चुकी है और किसान की फसल खेत में खड़ी हुई या काटकर सुखाने के लिए रखी हुई फसल (निहाणीया व जेट) के रूप में रखी हुई खराब हुई है उन किसानों को अपनी खराब फसल का सर्वे करने के लिए एक आवेदन अपने तहसीलदार, कृषि अधिकारी व अपनी बैंक में 48 घंटे के अंदर अंदर देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित हो की 72 घंटे के अंदर अंदर बीमा कंपनी का सर्वेयर आकर सर्वे करें। आपके फसल खराबे की सूचना आप बीमा कंपनी SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी के टोलफ्रीनंबर 18001021111 या, ईमेल आईडी customer.care@sbigeneral.in. पर भी दे सकते हैं। ईमेल आईडी पर भेजी गई सूचना का रिकॉर्ड आपके पास रहता है। तहसीलदार कृषि अधिकारी या बैंक को दी गई सूचना के प्रार्थना पत्र की रिसिवड प्रति अपने पास किसान को रखनी चाहिए। फसल खराब की व्यक्तिगत सूचना उन्हीं पटवार हल्को के किसानों को देनी चाहिए जहां पर क्रॉप कटिंग (फसल कटाई प्रयोग) हो चुकी हैं उसके पश्चात फसल नष्ट हुई है। हमें पूर्व के प्रयासों से सीखना चाहिए की पिछले वर्ष खरीफ 2021 के समय भी 22-28 सितम्बर को हुई बेमौसमी बरसात के कारण फसल खराब हुई थी। उस समय बीमा कंपनी, जिला प्रशासन व हमारे कुछ जनप्रतिनिधियों की अपील पर प्रत्येक किसानों ने फॉर्म भर कर दिए थे, जिनकी संख्या 35000 के करीब पहुँच गई थी जिनका व्यवहारिक व नैतिक रूप से कोई महत्व नहीं रह गया था उस तरीके का प्रयास इस बार नहीं करना है।
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