-
☰
बिहार: जिला पदाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक कर आंगनबाड़ी केंद्रों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार के दिए निर्देश
- Photo by : social media
संक्षेप
बिहार: शनिवार को जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग से संबंधित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक की शुरुआत
विस्तार
बिहार: शनिवार को जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग से संबंधित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल उपलब्धता की खराब स्थिति पर भी जिला पदाधिकारी ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन केंद्रों में चापाकल कार्यरत नहीं है, जहाँ नल-जल कनेक्शन सक्रिय नहीं है अथवा जहाँ दोनों ही सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं, उन सभी केंद्रों की सूची तैयार कर आगामी शनिवार तक उपलब्ध कराई जाए, ताकि गर्मी से पूर्व समस्या का समाधान किया जा सके।पोषण ट्रैकर पर आंगनबाड़ी केंद्रों की कम ओपनिंग पर भी जिला पदाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र पोषण ट्रैकर पर खुलने चाहिए और केंद्र तभी ‘ओपन’ माना जाएगा जब उसे जियो-फेंस्ड एरिया से संचालित किया जाए।इसके साथ ही वर्तमान में पोषण ट्रैकर पर FRS की स्थिति 75% है, जिसे शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया।इसी क्रम में उन्होंने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देशित किया कि डाक अधीक्षक से समन्वय स्थापित कर सभी लाभुकों का ई-KYC त्वरित रूप से पूर्ण कराया जाए, ताकि THR वितरण समय पर एवं सुचारू रूप से सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की स्थिति पर भी विस्तृत चर्चा हुई। नवादा जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिनमें से 1067 अपने भवनों में संचालित हैं। लगभग 326 केंद्र स्कूल एवं अन्य सरकारी भवनों में तथा लगभग 1300 केंद्र किराए के भवनों में संचालित हैं। अब तक 430 केंद्रों की भूमि चिन्हित की जा चुकी है, जिनमें से 60 केंद्रों पर RIDF एवं 50 केंद्रों पर मनरेगा से भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 23 केंद्रों के लिए राशि उपलब्ध हो चुकी है और LAEO को आवश्यक निर्देश निर्गत किए जा चुके हैं। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी केंद्रों के लिए भवन उपलब्धता जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाए। इसके पश्चात सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में पेंशन एवं गैर-पेंशन से जुड़ी योजनाओं की प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं पाए जाने पर जिला पदाधिकारी ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रभारी सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा को निर्देश दिया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक तत्काल आयोजित कर योजनाओं की प्रगति सुनिश्चित कराएँ तथा लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन हेतु कार्ययोजना तैयार करें। जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कोषांग अंतर्गत संचालित परवरिश, स्पॉन्सरशिप, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, संबल योजना, UDID परियोजना आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गई।परवरिश योजना अंतर्गत लाभुकों की संख्या बढ़ाने हेतु सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग को निर्देशित किया गया कि वे प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के माध्यम से पंचायत एवं ग्राम स्तर पर कर्मियों द्वारा अनाथ एवं पात्र बच्चों का सर्वेक्षण कराते हुए नए आवेदन सृजित करें।संबल योजना एवं UDID परियोजना हेतु जारी प्रखंडवार शिविरों की भी समीक्षा की गई तथा संबल योजना अंतर्गत अधिकतम आवेदन सृजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।वहीं, वृहद आश्रय गृह अंतर्गत बालिका गृह के यूनिट–2 को प्रारंभ करने हेतु अग्रतर कार्रवाई करने के भी निर्देश जिला पदाधिकारी द्वारा दिए गए। इस अवसर पर प्रभारी सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा अमरनाथ कुमार, प्रभारी सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग रितेश कुमार,जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी,सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।
बैठक की शुरुआत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) निरुपमा शंकर द्वारा पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से आईसीडीएस की योजनाओं की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की गई।जिला पदाधिकारी ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में रोह एवं वारसलीगंज प्रखंडों की अत्यंत कम उपलब्धि पर गंभीर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन माह शेष हैं, किंतु लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी प्राप्त नहीं हो सका है, जो अत्यंत चिंताजनक है। इस पर उन्होंने सभी सीडीपीओ को कैंप आयोजित कर योजना की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सभी योजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।