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मध्य प्रदेश के सिंगरौली में स्टाम्प बेण्डरों की कमीशन खोरी से हो रही लोगों की जेब खाली- आर एन द्विवेदी

स्टाम्प बेण्डरों की कमीशन खोरी से हो रही लोगों की जेब खाली

स्टाम्प बेण्डरों की कमीशन खोरी से हो रही लोगों की जेब खाली - Photo by : NCR Samachar

मध्य प्रदेश   Published by: Ramanand Dwivedi , Date: 21/01/2023 11:16:31 am Share:
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  • Published by: Ramanand Dwivedi ,
  • Date:
  • 21/01/2023 11:16:31 am
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संक्षेप

मध्य प्रदेश के सिंगरौली देवसर तहसील में स्टांप वेंडरों द्वारा मोटी कमीशन खोरी इन दिनों लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। ट्रेजरी विभाग से इन्हें दो फिसदी कमीशन दिया जाता है, फिर भी स्टांप खरीदने वालों से 40 परसेंट तक वसूला जा रहा है। उस पर भी नखरे नखरे अलग से देखने और सहने पड़ते हैं।

विस्तार

मध्य प्रदेश के सिंगरौली देवसर तहसील में स्टांप वेंडरों द्वारा मोटी कमीशन खोरी इन दिनों लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। ट्रेजरी विभाग से इन्हें दो फिसदी कमीशन दिया जाता है, फिर भी स्टांप खरीदने वालों से 40 परसेंट तक वसूला जा रहा है। उस पर भी नखरे नखरे अलग से देखने और सहने पड़ते हैं। आलम यह है कि, तहसील में ही 20 रुपए का स्टांप 50 में, 50 रुपए का स्टांप 100 रुपए का डेढ़ सौ में दिया जा रहा है। 

बता दें कि, पहले प्रोवाइडर द्वारा स्टांप देने से मना किया जाता है, बाद में अतिरिक्त रुपए लेकर दे दिया जाता है। 

ज्ञात हो, स्टांप और ई-स्टांप पर हितग्राहियों से किसी भी प्रकार का कमीशन वसूल करने का प्रावधान नहीं है, सर्विस बेण्डरों को स्टांप बेचने के लिए ट्रेजरी विभाग से 2 फ़ीसदी कमीशन दिया जाता है, लेकिन इतने कमीशन से नाखुश रहने के साथ लोगों को भरपूर चूसते रहते हैं। लोगों को स्टांप बेचकर 20 से 40% तक अधिक कमीशन वसूल लिया जाता है। तहसील में रजिस्ट्री या नोटरी के लिए आने वाले लोग हर दिन अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं, जबकि विभाग द्वारा ऐसा कोई नियम नहीं है। स्टांप पर लोगों से कमीशन वसूला जाए फिर भी तहसील में बैठने वाले लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते और अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में रहने वाले कमीशन के बाद भी लोगों से कई गुना अधिक कमीशन वसूल कर रहे हैं। 

आश्चर्य की बात तो यह है यहां बैठे अधिकारियों कर्मचारियों के संज्ञान में होते हुए भी लोगों को चूस रहे इन दुकानदारों को के प्रति कोई कठोरात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जाती जिससे हर दिन हर घड़ी कोई न कोई इनके गिरफ्त में आकर बलि का बकरा बन शोषित होकर चला जाता है।