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राजस्थान: जिला कोटपूतली पशु चिकित्सा पद्यति से पशु पक्षियो का बचाया गया जीवन
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संक्षेप
राजस्थान: जिला कोटपूतली बहरोड में पशु पक्षियो का जीवन बचाने मे दिन रात जुटे रहते है गोविन्द भारद्वाज कहते है कि पर भगवान ने मनुष्य को पृथ्वी पर बेजुबान जीवो के कष्ट दूर करने के लिए भेजा है। एक पशु चिकित्सक दायित्व होता है कि वह हर संभव प्रयास कर पशु चिकित्सा पद्यति से पशु पक्षियो का जीवन बचाये ।
विस्तार
राजस्थान: जिला कोटपूतली बहरोड में पशु पक्षियो का जीवन बचाने मे दिन रात जुटे रहते है गोविन्द भारद्वाज कहते है कि पर भगवान ने मनुष्य को पृथ्वी पर बेजुबान जीवो के कष्ट दूर करने के लिए भेजा है। एक पशु चिकित्सक दायित्व होता है कि वह हर संभव प्रयास कर पशु चिकित्सा पद्यति से पशु पक्षियो का जीवन बचाये । आज पशु विश्व पशु चिकित्सा दिवस के मौके इस कथन सत्य करने वाले राजस्थान के जयपुर जिले की पावटा तहसील के ग्राम भांकरी निवासी एलएसए गोविन्द भारद्वाज है जो कि दिन हो रात बेजुबान घायल पशु पक्षियो की रक्षा करने मे जुटे रहते है। एवं साथ विलुप्त होते वन्य जीवो को बचाने मे भी जुटे रहते है। इस कार्य मे पूरा मार्ग दर्शन बडे भाई प्रसिद्ध ज्योतिषी पं डॉ गौरीशंकर शर्मा का है। भारद्वाज की नियुक्ति पशुपालन विभाग मे 8 अक्टूबर 2013 से पशुधन सहायक के रूप मे हुई थी । भारद्वाज ने अब तक सेवा काल मे 25468 गाय 2426नील गाय 2001 मोर 171 बन्दर 80लंगूर दो जरख तीन बाज दो बिज्जू एक उल्लू दो गीदड सात सौ से अधिक छोटे परिन्दो का उपचार किया इसके अलावा 241 वन्य जीवो के ऐसे बच्चो का निप्पल एवं बोतल से दूध पिलाकर पालन पोषण किया है। जिनकी मॉ मर गयी या जंगल मे छोड़कर चली गई । 25लावारिश पशु पक्षियो को कुंए से सकुशल निकालकर उनकी जान बचा भारद्वाज ने नारायणपुर बानसूर पावटा शाहपुरा विराटनगर क्षेत्र क्षेत्र अब डॉ गौरीशंकर शर्मा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा के साथ मिलकर कुंए मे गिरकर घायल हुए 25पशु पक्षियो को सकुशल निकाल उपचार उनकी जान बचाई । भारद्वाज दिन हो रात हमेशा पावटा शाहपुरा विराटनगर कोटपूतली बानसूर नारायणपुर एवं थानागाजी क्षेत्र मे बेजुबान जीवो का उपचार करने जाते है। एवं उपचार मे आने वाली दवा एवं अन्य खर्चे स्वयं वहन करते है। इसके अलावा कोरोना काल मे जहाँ लोग अपना एवं अपनो का जीवन बचाने लगे हुए थे। उस समय भारद्वाज डॉ.गौरीशंकर शर्मा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा बेजुबान घायल पशु पक्षियो का जीवन बचाने मे जुटे हुए थे । कारोना काल मे हजारो पशु पक्षियो की जान बचाई । इन्होने गत वर्ष गायो मे फैली लम्पी स्कीन बीमारी के दौरान 1500 से अधिक गायो की जान बचाई।
छः हजार लावरिश गायो के प्लास्टर उन्हे चलने योग्य बनाया इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आये दिन सड़क हादसे मे घायल होकर गायो के पैर टूट जाते है तो भारद्वाज़ उनके प्लास्टर उनको चलने योग्य बनाते है। इन्होंने छ हजार गायो के प्लास्टर कर उनको चलने योग्य बनाया है।
खास बात है यह कि इनके बैग मे हमेशा निप्पल सहित दो बोतल रहती है। बेजुबान पशुओ के बच्चे बोतल दिखते ही वे दौडे चले आते है। जब ये बच्चे बडे हो जाते है तब इन्हें जंगल मे छोड दिया जाता है। इनका बेजुबान पशुओ के प्रति प्रेम हम सबको प्रेरणा देता है। इसके अलावा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा हर वर्ष गर्मी की छुट्टियों मे पावटा एवं शाहपुरा क्षेत्र मे पक्षियो के लिए दाने एवं पानी के लिए परिण्डे बांधते है एवं वर्षा ऋतु मे वृक्षारोपण करते है।
जो पशु बीमार या घायल अवस्था मे चारा पानी नही खा पाता है उस भारद्वाज स्वयं अपनी हाथ से खाना खिलाते है, भारद्वाज ने बताया कि पशु चिकित्सक और घायल पशु मॉ बेटा का सम्बंध होता है। जब भारद्वाज घायल पशु को अपने हाथो से खाना खिलाता है तो उसे मॉ की सेवा की अनुभूति मिलती है। इनकी सेवा हम सब को प्रेरणा देती है।
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