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मध्य प्रदेश: बैंक यूनियंस ने IBA को 15 दिन का अल्टीमेटम, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
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संक्षेप
मध्य प्रदेश: यह कटु सत्य अब खुलकर सामने आ चुका है कि पिछले 25 वर्षों में IBA और United Forum of Bank Unions के बीच जितने भी द्विपक्षीय समझौते (Bi-Partite Settlements) हुए।
विस्तार
मध्य प्रदेश: यह कटु सत्य अब खुलकर सामने आ चुका है कि पिछले 25 वर्षों में IBA और United Forum of Bank Unions के बीच जितने भी द्विपक्षीय समझौते (Bi-Partite Settlements) हुए। उनमें कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को जानबूझकर Pending रखा गया। इन मुद्दों को सुंदर नाम दिया गया—“Residual Issues। पर सच्चाई यह है कि ये Residual Issues कभी सुलझाने के लिए बनाए ही नहीं गए।
हर 5 साल बाद समझौता होता है। कुछ मुद्दे हल होते हैं, लेकिन कई नए पुराने मुद्दे फिर “Residual” की टोकरी में डाल दिए जाते हैं। यही कारण है कि- जितने मुद्दे हल होते हैं, उससे अधिक Pending बढ़ जाते हैं। 25 साल बाद भी इन्हें समाधान नहीं मिला। यह एक Planned Strategy है- समाधान को अनंतकाल तक टालने की। अब यह खेल बंद होना चाहिए और इसका एक ही हल है। यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) को IBA को 15 दिन का अल्टीमेटम देना चाहिए। यदि IBA सहमत नहीं होती 15 दिन में समाधान नहीं होता। तब सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स के साथ मिलकर “अनिश्चितकालीन हड़ताल” का आह्वान किया जाए, जब तक इस प्रकार का कठोर और स्पष्ट रुख नहीं अपनाया जाएगा। तब तक Residual Issues का खेल चलता रहेगा और करीब 10 लाख परिवारों की समस्याएँ इसी तरह लटकती रहेंगी। यूनियन के पारंपरिक नारे- अब इन्हें सिद्ध करने का समय यूनियन वर्षों से ऐसे नारे लगाती रही है। यदि हम बैंक नहीं खोलेंगे, तो बैंक में उल्लू बोलेंगे। हर ज़ोर-ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।
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