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मध्य प्रदेश: विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर जिले में संगोष्ठियां आयोजित
- Photo by : NCR Samachar
संक्षेप
मध्य प्रदेश: विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर राज्य आनंद संस्थान की मंशानुसार कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, सीईओ जिला पंचायत हरसिमरनप्रीत कौर, जिला नोडल अधिकारी, जिला सचिव के मार्गदर्शन और निर्देशन में आनंदम दल जिला आगर मालवा द्वारा शासकीय उमावि सुदवास, शासकीय हाईस्कूल टिकोन तथा शासकीय उमावि तनोड़िया में बच्चों से संवाद किया।
विस्तार
मध्य प्रदेश: विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर राज्य आनंद संस्थान की मंशानुसार कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, सीईओ जिला पंचायत हरसिमरनप्रीत कौर, जिला नोडल अधिकारी, जिला सचिव के मार्गदर्शन और निर्देशन में आनंदम दल जिला आगर मालवा द्वारा शासकीय उमावि सुदवास, शासकीय हाईस्कूल टिकोन तथा शासकीय उमावि तनोड़िया में बच्चों से संवाद किया। कार्यक्रम सुदवास में जिला संपर्क प्रभारी तथा मास्टर ट्रेनर कैलाश भावसार ने बच्चों से चर्चा करते हुए अवसाद के कारणों पर चर्चा की। मानवीय मूल्यों पर चर्चा करते हुए बताया की तनाव या अवसाद का मुख्य कारण अंतर्द्वंद है। जैसा मैं हूं और जैसा होना मुझे सहज स्वीकार है, अगर इसमें मुझे गैप दिखता है तो मेरे में अंतर्द्वंद की तरह चलता है और यही द्वंद जब और अधिक बढ़ने लगता है तो फिर टेंशन, अवसाद या डिप्रेशन के रूप में दिखता है, तो जैसा मैं हूं और जैसा होना हमें सहज स्वीकार है। इन दोनों में अगर तालमेल हो जाए इतनी बात अगर हम अपने में देख पाए तो हम इन सभी से मुक्त हो सकते हैं और स्वतंत्र होकर जी सकते हैं जैसे अहंकार, अवसाद इन सब की स्थितियों से दूर हो सकते हैं, जिससे खुद का मूल्यांकन ठीक हो पाएगा जैसा मैं चाहता हूं वैसा मैं जी पा रहा हूं। चर्चा में बच्चों ने भी अपनी बात रखी। आनंदम सहयोगी उमाशंकर शर्मा ने वर्तमान में आत्महत्या के भयावह आंकड़ों और कारणों को बताते हुए बच्चों को सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। वरिष्ठ शिक्षक श्रीराम शर्मा ने सही गुरु और समय का महत्व बताया। गोकुल प्रसाद मालवीय ने रोचक कहानी के द्वारा सहज स्वीकृत भाव से निर्णय लेने की बात कही। प्राचार्य आनंदीलाल नागर ने आनंद विभाग का आभार मानते हुवे बच्चों को संबोधित किया। इसी प्रकार टिकोन में आनंदम सहयोगी मांगीलाल कुलश्रेष्ठ ने अपने प्रेरक गीत और वक्तव्य के माध्यम से छात्र छात्राओं से चर्चा करते हुए कहा कि मानव जीवन अनमोल है और उसे व्यर्थ नष्ट न करके ईश्वरीय वरदान मानकर मानवीय मूल्यों को आत्मसात करने की सीख दी। प्राचार्य क्रांति प्रकाश खेनवार ने आभार माना। तनोड़िया में आनंदम सहयोगी दिनेश तिवारी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में बच्चों से चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया ना दे। यदि कोई समस्या हो तो बिना किसी संकोच के अपने मित्र परिवार एवं अपने विश्वास पात्र लोगों को शेयर करके समाधान पूछना चाहिए। क्रोध या आवेश में आकर एक क्षण का गलत निर्णय से हमारे परिवार को और स्वयं को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इस अवसर पर रामनाथ नागले, कैलाश विश्वकर्मा, घनश्याम सिंह आदि उपस्थित रहे।