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हरियाना: महेन्द्रगढ़ कुलदीप शास्त्री हादसों को दे रहा है निमंत्रण 

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  Published by: Kuldeep Kumar , Date: 01/05/2024 01:02:33 pm Share:
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  • 01/05/2024 01:02:33 pm
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संक्षेप

हरियाना: स्थानीय बालाजी चौक पर बस स्टैंड की और जाने वाले मार्ग पर सीवरेज का मैनहोल का ढक्कन किसी भारी वाहन का टायर उपर से गुजरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। रेलवे स्टेशन की और से आने वाले वाहन, माता मसानी की और से आने वाले वाहन, सब्जी मंडी की तरफ से आने वाले वाहन और बस स्टैंड की और से आने वाले हजारों वाहनों का आवागमन का प्रमुख मार्ग यही है। 

विस्तार

हरियाना: स्थानीय बालाजी चौक पर बस स्टैंड की और जाने वाले मार्ग पर सीवरेज का मैनहोल का ढक्कन किसी भारी वाहन का टायर उपर से गुजरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। रेलवे स्टेशन की और से आने वाले वाहन, माता मसानी की और से आने वाले वाहन, सब्जी मंडी की तरफ से आने वाले वाहन और बस स्टैंड की और से आने वाले हजारों वाहनों का आवागमन का प्रमुख मार्ग यही है। 


स्थानीय नागरिकों करतार बचीनी, स्योचंद नागल हर नाथ, सतीश रिवासा, महेंद्र सैनी, धो लू आदि ने बताया कि स्थानीय बालाजी चौक पर  सीवरेज का मैनहोल क्षतिग्रस्त हो कर बिल्कुल टुट गया है और यह  लगभग दो महीने से टुटा पडा है,नगर पालिका प्रशासन के संज्ञान में भी लाया गया है, पर नगर पालिका प्रशासन न जाने किसी बडे हादसे के घटित होने के इतंजार में हाथ पर हाथ धरे बैठा है। 


स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कुछ दिन रोज पहले कनीना में उन्नहानी मोड़ पर भीषण सड़क दुर्घटना हुई थी जो कि  कई बच्चों के लिए जानलेवा साबित हुई थी, और  कई बच्चे बुरी तरह घायल हो गयें थें। चिंता का विषय यह है कि शहर  और नजदीक के गांवों में चल रहें लगभग पचास निजी विद्यालयों के आवागमन का प्रमुख मार्ग यही है। 

और यही से  बसें सुबह और दोपहर में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके घर पर छोडने के लिए  आने जाने मे इसी मार्ग का प्रकार  प्रयोग करती है।उस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति हो जाती है तो नगर पालिका प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को जवाब देना बड़ा मुश्किल हो जायेगा।

 यह शहर का सबसे बड़ा और व्यस्त  रास्ता है और प्रतिदिन हजारों लोग यहाँ से गुजरते हैं परंतु फिर भी नगर पालिका प्रशासन और स्थानीय प्रशासन इस तरह की दिक्कतों के निवारण के लिए ना जाने कयो कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है और ना ही समस्या के निवारण।