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Narnaul: ग्वार की जड़ सड़न का सफल रोकथाम संभव- आरके सैनी
ग्वार की जड़ सड़न का सफल रोकथाम संभव- आरके सैनी - Photo by : ncr samachar
विस्तार
हरियाणा के नारनौल के रेतीले इलाकों में ग्वार जड़ सड़न रोग एक बड़ी समस्या है। यह रोग मिट्टी में रहने वाले कवक के कारण होता है। यह बात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सेवानिवृत्त वरिष्ठ कीट विज्ञानी डॉ. आरके सैनी ने आज कोरियावास में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा हिंदुस्तान गोंद एवं रसायन भिवानी द्वारा आयोजित शिविर के दौरान कही। उन्होंने बताया कि यह रोग मिट्टी में रहने वाले एक कवक के कारण होता है और जैसे ही पौधे बढ़ने लगते हैं, यह उनकी जड़ों पर हमला करता है और उन्हें जला देता है। जमीन से पानी व भोजन की आपूर्ति बाधित होने से पौधे पीले होकर सूख जाते हैं। कुछ वर्षों में लगभग आधा खेत खाली हो जाता है और उसे फिर से बोना आवश्यक हो जाता है, लेकिन कार्बेडिज़िम 50% दवा से बीजों का उपचार करने पर इस रोग से 90% तक छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने बीज उपचार के लिए 3 ग्राम दवा प्रति किलो बीज की दर से शुष्क उपचार की सलाह दी। इस अवसर पर कृषि विकास अधिकारी डॉ. सुमित कुमार यादव ने किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों जैसे ग्वार, नरमा, मूंग बाजरा आदि का अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आवश्यक सुझाव दिये। योजनाओं पर ध्यान दें। सरकार। जागरूक होकर लाभ उठाएं। शिविर में बीज उपचार दवा के नमूने, रबर के दस्ताने व साहित्य का वितरण किया गया तथा कृषकों के उत्थान के लिए ड्रा भी निकाला गया। डॉ. सुमित यादव ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर कृषि विभाग से प्रवीण कुमार, कृषि पर्यवेक्षक गांव के सरपंच प्रतिनिधि निहाल सिंह, राजाराम, बाबूलाल, संत लाल, राकेश समेत अन्य गांवों के किसान मौजूद रहे।
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