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प्रदीप शर्मा/राजस्थान: आरक्षण पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का राष्ट्रीय सवर्ण दल ने किया स्वागत एवं जताया आभार
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संक्षेप
प्रदीप शर्मा/राजस्थान: जयपुर उच्चतम न्यायालय की ,01अगस्त 2024 को 07 जजों की संवैधानिक निर्णायक पीठ ने 6 -1 बहुमत से आरक्षण के मामले में अब तक का सबसे बड़ा निर्णय देते हुए ,पत्थर पर लकीर खींच दी कि, एससी एसटी में क्रीमी लेयर को आरक्षण के बाहर रखा जाए। ऐसा परिवार जिसने आरक्षण का एक बार लाभ ले लिया है, उसे पुनः लाभ न देते हुए अत्यंत गरीब व जरूरतमंद को ही आरक्षण का लाभ दिया जाए। इस ऐतिहासिक फैसले का राष्ट्रीय सवर्ण दल ने हार्दिक आभार जताते हुए पूर्ण रूप से स्वागत किया है।
विस्तार
प्रदीप शर्मा/राजस्थान: जयपुर उच्चतम न्यायालय की ,01अगस्त 2024 को 07 जजों की संवैधानिक निर्णायक पीठ ने 6 -1 बहुमत से आरक्षण के मामले में अब तक का सबसे बड़ा निर्णय देते हुए ,पत्थर पर लकीर खींच दी कि, एससी एसटी में क्रीमी लेयर को आरक्षण के बाहर रखा जाए। ऐसा परिवार जिसने आरक्षण का एक बार लाभ ले लिया है, उसे पुनः लाभ न देते हुए अत्यंत गरीब व जरूरतमंद को ही आरक्षण का लाभ दिया जाए। इस ऐतिहासिक फैसले का राष्ट्रीय सवर्ण दल ने हार्दिक आभार जताते हुए पूर्ण रूप से स्वागत किया है।
सियासत की वोट बैंक राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश अध्यक्ष बेनी प्रसाद कौशिक ने इस निर्णय को सर्वांगीण समाज और देश के लिए एक साहसिक अनूठी पहल बताया है।हमें परस्पर आरक्षण के नाम पर विभाजित करने का और संविधान के साथ छेड़छाड़ कर अपनी मनमानी करने का सरकार का जो रवैया रहा है उसके प्रति युवा वर्ग कुंठित है और आम लोगों में नाराजगी है ।आरक्षण का तथा कथित रवैया समाज में विघटन का कारण बनता जा रहा है जिसके चलते,पारस्परिक सोहार्द,प्रेम और भाईचारे में कमी आई है ।
धरातल पर कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धा के बावजूद जातिगत आरक्षण के कारण योग्यता के स्थान पर अयोग्यता का चयन चहुंमुखी विकास और समृद्धि में बाधक बनता जा रहा है वहीं दूसरी ओर,देश की एकता के लिए एक बहुत बड़े खतरे का संकेत दे रहा है ।उन्होंने बताया की आरक्षण से योग्यता और प्रतिभा का सरे आम हनन हो रहा है और उसको हास्य पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।
किसी भी देश के विकास की भूमिका और नीति निर्धारण करने में योग्यता और प्रतिभा का एक अहम रोल रहा है और उसकी प्रक्रिया के लिए उसके नितांत योगदान को नकारा नहीं जा सकता जिसकी आज हमें सख्त आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया कि आम जन अपने-अपने राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में समानता के अधिकार को तोड़-मरोड़कर अमली जामा पहनाने वालों के खिलाफ संघर्ष कर ,अपनी आवाज सदन के गलियारे तक पहुंचाने का प्रयास करें ताकि देश निरंतर प्रगति की ओर बढ़ने में अग्रसर हो सके।