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Pak on not congratulating PM Modi: चुनावों के बाद पीएम मोदी को बधाई न देने पर पाकिस्तान का बड़ा बयान आया सामने
- Photo by : social media
संक्षेप
Pak on not congratulating PM Modi: पाकिस्तान ने आज कहा कि वह भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण और सहकारी संबंध चाहता है और बातचीत के ज़रिए विवादों को सुलझाना चाहता है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले आई है।
विस्तार
Pak on not congratulating PM Modi: पाकिस्तान ने आज कहा कि वह भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण और सहकारी संबंध चाहता है और बातचीत के ज़रिए विवादों को सुलझाना चाहता है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले आई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोकसभा चुनावों में 293 सीटें हासिल कीं और रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने पीएम मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी है। बलूच ने कहा कि अपने नेतृत्व के बारे में फैसला करना भारतीय नागरिकों का अधिकार है। उन्होंने कहा हम उनकी चुनावी प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि नई सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से शपथ नहीं ली है, इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री को बधाई देने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। भारत के साथ संबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए बलूच ने दावा किया कि पाकिस्तान ने हमेशा अपने पड़ोसी के साथ रचनात्मक बातचीत के माध्यम से सभी विवादों को हल करने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने हमेशा भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंध चाहा है। उन्होंने कहा हम जम्मू-कश्मीर के मुख्य विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए लगातार रचनात्मक बातचीत और सहभागिता की वकालत करते रहे हैं। भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है, जबकि इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह की सहभागिता के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है। इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कभी भी दरवाजे बंद नहीं किए हैं। लेकिन आतंकवाद का मुद्दा बातचीत के केंद्र में निष्पक्ष और स्पष्ट होना चाहिए। हमने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कभी भी अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं। सवाल यह है कि किस बारे में बात की जाए। अगर किसी व्यक्ति के पास इतने सारे आतंकवादी शिविर हैं। तो यह बातचीत का केंद्रीय हिस्सा होना चाहिए उन्होंने कहा।