-
☰
राजस्थान: जेंडर भेदभाव समाप्ति व महिला सशक्तिकरण पर दलित अधिकार केंद्र का क्षमता वर्धन कार्यक्रम संपन्न
- Photo by : social media
संक्षेप
राजस्थान: दलित अधिकार केन्द्र के तत्वाधान में दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को जेंडर पोस पर कर्मचारियों का विशिष्ट क्षमता वर्धन निर्माण कार्यक्रम का आयोजन होटल डी विज गणेश मार्ग महेश
विस्तार
राजस्थान: दलित अधिकार केन्द्र के तत्वाधान में दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को जेंडर पोस पर कर्मचारियों का विशिष्ट क्षमता वर्धन निर्माण कार्यक्रम का आयोजन होटल डी विज गणेश मार्ग महेश नगर जयपुर में किया गया कार्यक्रम का संचालन केंद्र के उपनिदेशक चंदा लाल बेरवा ने किया केंद्र के मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत मीमरोट ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि दलित अधिकार केंद्र दलित एवं महिलाओं व बच्चों के लिए पिछले 20 साल से कम कर रहा है दलित एवं महिलाओं में भेदभाव खत्म करने के लिए दलित अधिकार केंद्र के महिलाओं में सुरक्षा व जेंडर के बारे में सब सभी को बताया की जेंडर एक सामाजिक सोच है जेंडर भेदभाव समाप्त करने के लिए हमें स्वयं से ही परिवर्तन करना प्रारंभ करना होगा ताकि महिलाओं एवं बच्चों की स्थिति सुधर सके बाबा साहब ने भी महिलाओं की प्रगति उसे देश के विकास का पैमाना माना था महिलाओं को सुरक्षा के लिए बहुत से कानून बनाए गए हैं हमें उसकी जानकारी होनी चाहिए बाबा साहब ने महिलाओं के लिए हिंदू कोड बिल अधिनियम में महिलाओं की स्थिति सुधारने का प्रयास किया महिलाओं को संपत्ति का अधिकार समान काम के लिए समान वेतन जैसे अधिकार की बातें की खुशबू सोलंकी एडवोकेट राज्य समन्वयक दलित अधिकार केंद्र जयपुर ने बताया कि महिलाएं को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है और कार्य स्थल पर यौन शोषण अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा प्रत्येक जिले में स्थानीय स्तर पर एक कमेटी बनी हुई है तथा 10 लोगों से ऊपर किसी संस्था के सदस्य होने पर आंतरिक कमेटी का गठन करना आवश्यक है ताकि महिलाओं के गरिमा एवं सुरक्षा की जा सके और बताया कि कार्यस्थल पर उत्पीड़न के समान अन्य कर्मचारियों के व्यवहार से प्रभावित एक पीड़ित महिला कर्मचारियों को घटना के 3 महीने के भीतर शिकायत समिति के किसी भी सदस्य को मामले के रिपोर्ट लिखित में करनी चाहिए ऐसी रिपोर्ट एवं जांच में की गई कार्रवाई के साथ-साथ यौन उत्पादन कि पीड़िता की पहचान के संबंध में गोपनीयता हमेशा बनाए रखे जाने चाहिए कमेटी 10 दिन के अंदर अपनी जांच पूरी करने का प्रयास करेगी सूरज्ञान बैरवा सामाजिक कार्यकर्ता सवाई माधोपुर ने बताया कि मैं खुद परिवार में जेंडर भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया है साथ ही अंधविश्वासों पर प्रहार कर समाज का विकास करने का प्रयास किया है।
शिविर में केंद्र के निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार ने जेंडर भेदभाव के बारे में विस्तृत रूप से बताया और
बाबा भीमराव अंबेडकर ने भी कहा था कि मैं समाज का आकलन इस दृष्टि से करता हूं कि उसे समझ में महिलाओं की भागीदारी कितनी है और उन्हें प्रगति के कितने अवसर प्राप्त होते हैं जब तक शिक्षा का स्तर ऊंचा नहीं उठेगा तब तक महिलाओं में जागरूकता नहीं आएगी इसके साथ ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हिंदू कोड बिल में महिलाओं के लिए बहुत सारे कानून बनाए थे यदि हम आज जागरूक नहीं होते हैं तो हमारा समाज बहुत पीछे हो जाएगा महिलाओं में जेंडर भेदभाव ना हो इसके लिए हमें एक स्वस्थ वातावरण तैयार करना होगा साथ ही दलित अधिकार केंद्र में जेंडर भेदभाव खत्म करने के लिए तथा स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए पॉलिसी का निर्माण किया जाता है सुनीता देवीबैरवा जिला समन्वय दलित अधिकार केंद्र दौसा ने बताया कि दलित अधिकार केंद्र को सुचारू रूप से चलने के लिए इस पॉलिसी व आंतरिक समिति का गठन किया गया है महिलाओं में सत्ता में भागीदारी नीति निर्माण में भागीदारी और सामाजिक को प्रथम पर प्रहार करने के लिए हमें मानसिक रूप से मजबूत होना होगा इसकी शुरुआत हमें स्वयं से करनी होगी साथ ही बाबा साहब ने संविधान के अनुच्छेद 13 में सभी रूढ़ियों मान्यताएं प्रथाएं संविधान लागू होते ही मान्य नहीं रहे हैं।
मंजू बेरवा अध्यापिका दौसा ने बताया कि शिक्षा पर आज के समय में बहुत ध्यान देने की जरूरत है बच्चे और बच्चियों में भेद नहीं करना चाहिए दोनों को शिक्षा का पूर्ण अधिकार होना चाहिए मां-बाप का कर्तव्य है कि वह शिक्षा लड़कियों को भी विशेष रूप से दिलवाएं यह एक बहुत बड़ा महिलाओं के लिए बराबरी लाने के लिए सफल प्रयास है परंतु आज भी वास्तविक रूप में इतना व्यवस्थाएं होने के बावजूद महिलाओं को जेंडर भेदभाव का सामना करना पड़ता हैकैलाश खड़िया सामाजिक कार्यकर्ता विराट नगर जयपुर ने बाबा भीमराव अंबेडकर के बारे में बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने महिलाओं के लिए बहुत काम किया है समाज दलित उपजातियां में बात हुआ है और हमें कहीं ना कहीं इस आपसे मनमुटाव वह जातिगत वर्गीकरण को समाप्त कर एक होना होगा संगीता अजमेर सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि हमें संविधान की जानकारी नहीं है हमें संविधान के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़कर महिलाओं में भेदभाव खत्म करना होगा तथा अंधविश्वासों को खत्म करना होगा।
प्रिया कुमारी सामाजिक कार्यकर्ताने बताया कि हमारे समाज में दिखावा करने के चक्कर में लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं और जरूर से ज्यादा खर्च करते हैं इसीलिए हमें जोरों से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए तथा फालतू खर्चों को बंद कर देना चाहिए उन पैसों को अपने बच्चों के शिक्षा पर लगे मुक्ति बैरवा सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि दलित महिलाओं में बच्चों के लिए सुरक्षा हेतु बहुत से कानून बनाए गए हैं और कानून का पालन कर कर उन्होंने सुरक्षित वह सही ढंग से कानून को लागू करवाना हमारी जिम्मेदारी है सभी की मानसिकता संवेदनशील होनी चाहिए
महिलाओं का प्रति संवेदनशील होना होगा शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता अपने-अपने विचार रखे। उक्त शिविर में 40 विभिन्न कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।