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राजस्थान: जिर्णोद्धार में एक करोड़ खर्च, फिर भी धराशाई हुई बावड़ी
- Photo by : NCR Samachar
संक्षेप
राजस्थान: जब एतिहासिक चीजों का जिक्र हो ओर बसवा का नाम ना आए ऐसा अक्सर होता नहीं है। लोगों ने बताया कि राजा-महाराजाओं की विरासतों से सुसज्जित बसवा कस्बा जिसमें इतिहास का गवाह बनती बहुत सी चीजें आज भी खड़ी है। जिनका देखरेख के अभाव में अपना स्वरूप खुर्द बुर्द होता दिखाई दे रहा है।
विस्तार
राजस्थान: जब एतिहासिक चीजों का जिक्र हो ओर बसवा का नाम ना आए ऐसा अक्सर होता नहीं है। लोगों ने बताया कि राजा-महाराजाओं की विरासतों से सुसज्जित बसवा कस्बा जिसमें इतिहास का गवाह बनती बहुत सी चीजें आज भी खड़ी है। जिनका देखरेख के अभाव में अपना स्वरूप खुर्द बुर्द होता दिखाई दे रहा है। इन्हीं धरोहर में से एक बसवा के झाझीरामपुरा रोड पर बनी हनुमंत बावड़ी भी है। जिसने देख रेख के अभाव में अपना स्वरूप को दिया था लेकिन पुरातत्व विभाग की मेहरबानी के चलते करीब एक करोड़ रूपए से इसका जिर्णोद्धार कराया गया जिसके चलते यह हनुमंत बावडी पुनः अपने स्वरूप में लौट आई जिसे देखकर बसवा वासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन यह खुशियां उस समय काफूर हो गई जब चांद बावड़ी का एक बड़ा हिस्सा गिरकर धराशाई हो गया ओर बावड़ी पुनः जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ गई। मौके पर मौजूद कस्बे वासियों ने कार्य के दौरान हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बताया कि करीब आठ-दस माह पूर्व ही बावड़ी का जिर्णोद्धार तो कराया गया, लेकिन काम तय माप दण्ड अनुसार न कराकर भ्रष्टाचार किया गया ओर पूरा पैसा नहीं लगाया गया। लोगों ने कहा कि बावड़ी कस्बे की शान है ओर धरोहर भी यहीं बालाजी का मंदिर है लेकिन बावड़ी का काम ठीक से नहीं किया गया जिसका परिणाम आज हम सबके सामने है।