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हिमाचल प्रदेश में 7 वर्षों से बन रहे करोड़ों रुपए की लागत से सोलंग नाला पुल एक बार फिर विवादों में, बनने से पहले ही धराशाई हुआ पुल 

बनने से पहले ही धराशाई हुआ पुल

बनने से पहले ही धराशाई हुआ पुल - Photo by : NCR Samachar

हिमाचल प्रदेश   Published by: Yudhisther Rana, Date: 28/11/2022 12:43:57 pm Share:
  • हिमाचल प्रदेश
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  • Date:
  • 28/11/2022 12:43:57 pm
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संक्षेप

हिमाचल प्रदेश में पिछले सात वर्षों से बन रहे करोड़ों रुपए की लागत से सोलंग नाला पुल एक बार फिर विवादों में है। सात वर्षों के बाद पुल बनकर एक भाग बनकर तैयार हुआ था और लोगों के विरोध के बाद पुल का कार्य आरंभ हुआ था।

विस्तार

हिमाचल प्रदेश में पिछले सात वर्षों से बन रहे करोड़ों रुपए की लागत से सोलंग नाला पुल एक बार फिर विवादों में है। सात वर्षों के बाद पुल बनकर एक भाग बनकर तैयार हुआ था और लोगों के विरोध के बाद पुल का कार्य आरंभ हुआ था। पुल का कुछ भाग तैयार होने के बाद पुल सोलंग गांव के लोगों की आस बंधी थी। रविवार को शेट्रिंग खोलते हुए यह हादसा हुआ, जिससे कामगार बाल बाल बचे, जिससे सरकार की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया। सोलंग गांव के लोगों को आजादी के 75 वर्षों के बाद पुल के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। 

गौरतलब है कि 21 सितंबर को गांव वासियों द्वारा बनाया गया पैदल पुल व्यास नहीं में बढ़ने से बह गया था, जिस दौरान दो युवकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और घाटी के लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त था और लोगों के गुस्से का शिकार लोक निर्माण विभाग के जेई को होना पड़ा, जिसे लोगों ने बूटों का हार पहनाया था सबके सामने, जिसके बाद सरकार ने आनन फानन में पुल का निर्माण कार्य आरंभ किया था।

पुल गिरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हैं। एक्सन लोक निर्माण विभाग मनाली अनूप शर्मा ने बताया कि, इस ठेकेदार को यह पुल गिराने के विभाग द्वारा पहले ही आदेश दिए गए थे कहा कि, पुल गिरा नही गिराया गया है। शर्मा ने कहा कि, 2018 में कार्य शुरू हुआ था और ठेकेदार को दो वर्षों में पुल को तैयार करना था परंतु सोलंग नाला की भौगोलिक परिस्थिति और बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण केवल 4 महीने का समय कार्य करने को मिलता है। दलील देकर शिमला में विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा अप्रैल 2022 में पूरा करने के निर्देश दिए गए थे परंतु कार्य पूरा न होने और खराब गुणवत्ता के चलते उक्त ठेकेदार का ठेका रद्द कर दूसरे को दिया गया है, जिसका कार्य सोलंग गांव की और से किया जा रहा है बताया की जल्द ही सोलंग नाला का पुल बनकर तैयार होगा।

वहीं मनाली विधान सभा से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के महासचिव भुवनेश्वर गौर कहा कि, पूर्व भाजपा सरकार की नाकामियों का नतीजा है। दो वर्ष में बनने वाला पुल 2022 में भी बनकर तैयार नहीं हुआ। स्थानीय मंत्री को बस वोट चाहिए और लोगों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। पुल न होने के कारण सोलंग गांव वासियों, स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा, लेकिन मंत्री को किसी की नही पड़ी है। 

उन्होंने कहा कि, जय राम ठाकुर और मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का अपने अधिकारियों पर कोई पकड़ होने के कारण मनाली में विकास पूरी तरह ठप पड़ा है और मंत्री घूमने में ही व्यस्त रहे। आज लोगों के करोड़ों रुपए से बन रहे पुल के गिरने का नुकसान कोन उठाए। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सरकार बनते ही वह पुल की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे और दोषियों से पुल के निर्माण में अभी तक खर्च हो रही का भुगतान करवाएंगे और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजेंगे। उन्होंने बताया कि, कांग्रेस की सरकार बनते ही एक वर्ष के भीतर पुल का निर्माण कर सोलंग गांव के लोगों सुविधा देंगे।