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झारखंड में पारा शिक्षकों के चयन के समय हुए फर्जीवाड़े का सर्टिफिकेट जांच के समय हुआ खुलासा
शिक्षकों के चयन के समय हुए फर्जीवाड़े का सर्टिफिकेट जांच के समय हुआ खुलासा - Photo by : Social Media
संक्षेप
झारखंड में पारा शिक्षकों के चयन के समय काफी फर्जीवाड़ा हुआ है जो अभी सर्टिफिकेट जांच के क्रम में उजागर हो रहे हैं। कई पारा शिक्षक तो जांच के क्रम में अयोग्य एवं फर्जी सर्टिफिकेट पाए जाने पर रिकवरी होने के डर से नौकरी छोड़ रहे हैं।
विस्तार
झारखंड में पारा शिक्षकों के चयन के समय काफी फर्जीवाड़ा हुआ है जो अभी सर्टिफिकेट जांच के क्रम में उजागर हो रहे हैं। कई पारा शिक्षक तो जांच के क्रम में अयोग्य एवं फर्जी सर्टिफिकेट पाए जाने पर रिकवरी होने के डर से नौकरी छोड़ रहे हैं। इस तथ्य का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि, अभी प्रत्येक दिन अखबार में ये खबर प्रकाशित हो रही है। कई पारा शिक्षक अथवा शिक्षिकाएं अयोग्य होने के बावजूद 2003 में प्रधानाध्यापक और ग्राम शिक्षा समिति की मिलीभगत से चयन कर लिया गया और ड्यूटी के पीरियड में ही उन्होंने इंटर की परीक्षा भी पास किया जो ये बताता है कि, किस प्रकार प्रधानाध्यापक और ग्राम शिक्षा समिति ने उसे छुपाते हुए उन अयोग्य पारा शिक्षकों को बचाने एवं सरकारी राशि का दुरुपयोग होने में मदद करता रहा है। इस प्रकार प्रधानाध्यापक ने पारा शिक्षकों को जुर्म में साथ देकर उनसे भी बड़ा जुर्म किया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि इसमें कई योग्य पारा शिक्षक भी वंचित रह गए हैं। योग्य होने के बावजूद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया था और आज तक वंचित पारा शिक्षक इसका दंश झेल रहे हैं।
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