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उत्तर प्रदेश के गोंडा में खोखला साबित हुआ प्रसूता को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार देने वाला सरकारी दावा
- Photo by : NCR Samachar
संक्षेप
उत्तर प्रदेश के गोंडा में प्रसव के शुरुआती घंटों में प्रसूता को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार देकर जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने का सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूताओं को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है। चाय ब्रेड देकर ही खानापूर्ति की जा रही है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के गोंडा में प्रसव के शुरुआती घंटों में प्रसूता को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार देकर जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने का सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूताओं को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है। चाय ब्रेड देकर ही खानापूर्ति की जा रही है। अधिकांश सीएचसी पर तो प्रसूताओं को घर से खाना मंगवाना पड़ रहा है। जननी सुरक्षा योजना के तहत अस्पतालों में सामान्य प्रसव के बाद 48 घंटे तक प्रसूताओं को नाश्ता व सुबह-शाम पौष्टिक भोजन दिया जाना है। भोजन से लेकर नाश्ते तक का मीनू तय है, लेकिन जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भोजन देने की योजना ठप हो गई है। किचन में ताला लटक रहा है।
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