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गर्भपात कानूनों के तहत सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला, 24 सप्ताह तक गर्भपात की हकदार है विवाहित महिला
24 सप्ताह तक गर्भपात की हकदार है विवाहित महिला - Photo by : Social Media
संक्षेप
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) अधिनियम के तहत सभी महिलाएं, उनकी वैवाहिक स्थिति के बावजूद, गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) अधिनियम के तहत सभी महिलाएं, उनकी वैवाहिक स्थिति के बावजूद, गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जे.बी. परदीवाला और ए.एस. बोपन्ना ने एमटीपी अधिनियम की व्याख्या पर फैसला सुनाया और क्या अविवाहित या एकल महिलाओं को उनके विवाहित समकक्षों की तरह 24 सप्ताह तक गर्भपात के लाभ की अनुमति दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि, गर्भपात कानूनों के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच का अंतर "कृत्रिम और संवैधानिक रूप से अस्थिर" है और इस रूढ़ि को कायम रखता है कि केवल विवाहित महिला ही यौन रूप से सक्रिय होती है। बेंच ने 23 अगस्त को एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो 24 सप्ताह की गर्भावस्था तक गर्भपात के मुद्दे पर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच अंतर करता है।
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