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हरियाणा: 2024 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी विधानसभा सीट पर राजा की बेटी और मंत्री के बेटे के बीच हो सकती हैं कांटे की टक्कर

रेवाड़ी विधानसभा सीट पर राजा की बेटी और मंत्री के बेटे के बीच

रेवाड़ी विधानसभा सीट पर राजा की बेटी और मंत्री के बेटे के बीच हो सकती हैं कांटे की टक्कर - Photo by : NCR Samachar

हरियाणा  Published by: Satish Haryana, Date: 18/03/2023 05:12:40 pm Share:
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  • 18/03/2023 05:12:40 pm
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संक्षेप

रेवाड़ी में बीते दिन आरती राव बी एम जी मॉल में आयोजित एक स्वागत और सम्मान समारोह शामिल हुईं, इस स्वागत समारोह में निश्चित रूप से शहर के जाने-माने व्यक्ति भी मौजूद थे। आरती राव के चुनाव लड़ने को लेकर आये दिन विश्लेषण किये जा रहे थे,की आरती राव कहां से चुनाव लड़ेगी, विश्लेषण करने वालों में हम भी शामिल है।

विस्तार

हरियाणा: रेवाड़ी में बीते दिन आरती राव बी एम जी मॉल में आयोजित एक स्वागत और सम्मान समारोह शामिल हुईं, इस स्वागत समारोह में निश्चित रूप से शहर के जाने-माने व्यक्ति भी मौजूद थे। आरती राव के चुनाव लड़ने को लेकर आये दिन विश्लेषण किये जा रहे थे,की आरती राव कहां से चुनाव लड़ेगी, विश्लेषण करने वालों में हम भी शामिल है। आरती का कोसली, अटेली, नारनौल, नांगल चौधरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाये जोरों पर थी और हैं, लेकिन आम लोगों कि राय यह थी की वो रेवाड़ी से नहीं लड़ेगी, क्योंकि भाजपा के दो गुट राव इंद्रजीत के खिलाफ थे और यही माना जा रहा था कि अगर आरती राव रेवाड़ी से चुनाव लड़ती है तो भाजपा का विरोधी गुट ही उन्हें हराएगा।

आज आरती राव ने स्पष्ट कर दिया कि वह रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती। उनका इस तरह कहना यह साबित करता है कि आरती राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकती है। इस रेवाड़ी सीट से निकट भविष्य में चुनाव लड़ने वालों में कई उम्मीदवारों की नींद उड़ सकती है। हम सो प्रतिशत मान लेते है कि आरती राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी और अपना आगे का राजनैतिक विश्लेषण जारी रखते है। अब प्रश्न यह उठता है कि वह भाजपा कि टिकट पर चुनाव लड़ेगी या फिर किसी अन्य पार्टी से या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगी, यह स्पष्ट नहीं किया।

यदि भाजपा गुरुग्राम लोकसभा सीट कि टिकट राव इंद्रजीत को देती है तो आरती राव रेवाड़ी से भाजपा की टिकट पर ही चुनाव लड़ेगी,अगर किसी कारणवश भाजपा आरती राव को टिकट नहीं देती है तो आरती राव को क्या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहिए, मेरा जवाब होगा, हां! लड़ना चाहिए। वैसे पूरी संभावना यह है कि भाजपा आरती राव को रेवाड़ी विधानसभा सीट से टिकट देगी ही, क्योंकि राव इंद्रजीत के साथ-साथ भाजपा भी बैक फुट पर है, इसलिए भाजपा की भी यह मज़बूरी है पर फिर भी,सुरक्षा कि दृष्टी से आरती राव बिना कमल के फूल को लिए ही अपना प्रचार करेगी। अगर आरती राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ती है तो उनका मुकाबला सीधा चिरंजीव राव से होगा। जहां चिरंजीव राव के पिता कप्तान अजय यादव के पास रेवाड़ी से चुनाव लड़ने का अच्छा अनुभव है,वे लगातार छःबार रेवाड़ी विधायक रह चुके है। हुड़्डा सरकार में उनके पास कई मंत्रालय भी रहे है, तीन बार इसी सीट से उनके पिता अभय सिंह विधायक बने और अब चिरंजीव राव विधायक है। इसलिए चिरंजीव राव को हलके में नहीं लिया जा सकता।

उनके पास बेशक राजनैतिक अनुभव कम है पर,पूर्व मंत्री कप्तान अजय यादव ने रेवाड़ी विधानसभा को पूरी तरह खंगाल रखा है। कप्तान अजय यादव क़यामत कि रात के शहशाह है, जिस कारण वह अंतिम समय में बाजी पलट देते है। पिछले विधानसभा चुनाव में कप्तान अजय यादव को डर था कि वह हार जाएंगे, इसलिए स्वयं चुनाव न लड़ के अपने बेटे चिरंजीव राव को लड़वाया,जहां कप्तान अजय यादव रेवाड़ी विधानसभा से अभी तक अर्जुन साबित हुए हैं। वहीं चिरंजीव ने भी अपना अभिमन्यु का रोल अदा कर दिया,वो भी बिना चक्करव्यूह में फंसे, रेवाड़ी से विधायक बने।

अब प्रश्न यह उठता है कि अगर आरती राव भाजपा की टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ती है तो उनके सामने एक ही प्रतिद्वंदी होंगा और वो होंगे चिरंजीव राव यानी दूसरे शब्दों में कहे तो दोनों दिग्गज संतानों के बीच आमने-सामने का मुकाबला होगा। वोटर अन्य उम्मीदवारों की बजाये इन दोनों में से किसी एक को चुनेगा। एक तरह से यह चुनाव, दो दिग्गजो के परिवार के बीच होगा, दो राष्ट्रीय पार्टीयों के बीच होगा, राजा की बेटी और मंत्री के बेटे के बीच होगा। ऐसा नहीं की कोई और चुनाव नहीं लड़ेगा, जरूर लड़ेगे, पर वह इन दोनों में से किसी की हार-जीत पर तो असर डाल सकते है पर वह वोट लेने में काफ़ी पीछे रहेंगे। शायद इस बार रणधीर कापड़ीवास भी आरती राव का विरोध ना करे, क्योंकि वक़्त जख्म का सबसे अच्छा मलहम होता है।

पिछले विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत ने सुनील मूसेपुर को इतनी वोट दिलवाकर साबित कर दिया कि रेवाड़ी सीट पर उनका जनाधार अब भी कायम है। मूसेपुर को आगे कर राव इंद्रजीत का आरती राव के लिए ट्रायल सही साबित हुआ और उन्हें अब लगता है कि आरती राव को रेवाड़ी से चुनाव में उतारना चाहिए है। यही सोच 1996 में कर्नल राम सिंह की थी वह स्वयं गुरुग्राम लोकसभा सीट से और उनकी पत्नी शारदा रेवाड़ी विधानसभा से चुनाव लड़े थे और दोनों के पास भाजपा की टिकट थी, कर्नल राम सिंह जीते थे और शारदा हारी थी और अब राव इंद्रजीत भी भाजपा की टिकट पर गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगे और हो सकता आरती राव भी भाजपा की टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, रही बात परिणाम की तो...... उसके बारे अंदाजा लगाया जा सकता है और हमें अंदाजा है भी पर अभी कुछ कहना में ठीक नहीं समझता।