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एडवोकेट मनोज आहूजा की माता पदमा देवी की श्रद्धांजलि सभा में हजारों श्रद्धालुओं ने दी श्रद्धांजलि
सभा में हजारों श्रद्धालुओं ने दी श्रद्धांजलि - Photo by : NCR Samachar
संक्षेप
राजस्थान बांदनवाड़ा के समाजसेवी व धर्मपरायण व्यक्तित्व के धनी ओमप्रकाश आहूजा की पत्नी व एडवोकेट डॉ. मनोज आहूजा की माता स्वर्गीय पदमा देवी का ब्रहस्पतिवार 24 नवम्बर को निधन होने पर उनका अंतिम संस्कार गांव के मोक्षधाम पर किया गया।
विस्तार
राजस्थान बांदनवाड़ा के समाजसेवी व धर्मपरायण व्यक्तित्व के धनी ओमप्रकाश आहूजा की पत्नी व एडवोकेट डॉ. मनोज आहूजा की माता स्वर्गीय पदमा देवी का ब्रहस्पतिवार 24 नवम्बर को निधन होने पर उनका अंतिम संस्कार गांव के मोक्षधाम पर किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में परिवार, समाज व गांव सहित शहर के सेकड़ों गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। स्वर्गीय पदमा देवी की व्यवहार कुशलता, धर्म के प्रति समर्पण भाव व समाजसेवा में अग्रणी भूमिका की वजह से तथा उनके पति ओमप्रकाश आहूजा व तीनों पुत्रों के प्रति प्रेम भाव व समर्पण की वजह से सैकड़ों लोगों ने मोक्षधाम पहुंचकर मुखाग्नि देते हुए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। स्वर्गीय पदमा देवी ने धर्म के प्रति समर्पण भाव व मानव मात्र की सेवा की भावना को रखते हुए अपनी संतान को संस्कारित शिक्षा दिलवाकर समाज में महत्वपूर्ण ओहदे पर पहुंचाया वरन अपने व्यवहार, कार्यकुशलता व धर्मपरायणता की वजह से परिवार, समाज सहित बांदनवाड़ा कस्बे में उनका विशिष्ट स्थान रहा है। 70 वर्ष की आयु में अपने पीछे पूरा भरा परिवार छोड़कर गई हैं।उनके तीनों पुत्रों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपना नाम श्रेष्ठ किया है। ज्येष्ठ पुत्र मनोज आहूजा एडवोकेट है। वहीं दूसरे नम्बर के पुत्र शंकर आहूजा किराना व जनरल स्टोर के होलसेल व्यापारी हैं तथा तीसरे पुत्र नरेश आहूजा भी जनरल स्टोर के व्यापारी हैं।पति ओमप्रकाश आहूजा समाजसेवा व धर्म के प्रति उच्च भाव रखते हुए परिवार व समाज के उत्थान के लिए समर्पित भावना से कार्य कर रहे हैं। शनिवार 26 नवम्बर को स्वर्गीय पदमा देवी के निज निवास पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हजारों की तादाद में उपस्थित श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर स्वर्गीय पदमा देवी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा को मोक्ष दिलाने की लिए भगवान से प्रार्थना की। समाजसेवी ओमप्रकाश आहूजा सहित पूरे परिवार के सदस्यों को सांत्वना देते हुए हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिलाया।वहीं परिजनों ने उनकी आत्मा को शांति के लिए भगवान के भजन कीर्तन का पाठ करवाया तथा श्रद्धांजलि सभा मे उपस्थित मित्रों,शुभचिंतकों व पारिवारिक सदस्यों का आभार व्यक्त किया।श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि स्वर्गीय पदमा देवी ने अपना पूरा जीवन अपने अपने परिवार की उन्नति में लगाया, बच्चों को संस्कारित शिक्षा दिलवाई।पूजा पाठ व धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि जैसा उनका व्यवहार था वैसा ही व्यवहार उनकी छः संतानों का है।इनके तीनों पुत्र भी अपने पिता की तरह पूरा मान सम्मान देते हुए उनकी यथासंभव मदद करते हैं।श्रद्धांजलि सभा में आज बड़ी संख्या में जयपुर,अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, किशनगढ़,भिनाय, बिजयनगर सहित व प्रदेश के अन्य स्थानों से आए हुए श्रद्धालुओं व पारिवारिक मित्र इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि जैसा व्यवहार स्वर्गीय पदमा देवी का था वैसा ही व्यवहार उनके पति व पुत्रों सहित अन्य उत्तराधिकारियों का है जो सही मायने में एक अच्छे इंसान के जीवन भर की कमाई हुई पूंजी है।
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