Contact for Advertisement 9650503773


गुजरात के डांग जिले में कृषि विज्ञान केंद्र वघई द्वारा आयोजित किया गया जैविक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम 

जैविक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

जैविक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम - Photo by : NCR Samachar

गुजरात   Published by: Dhule Milan , Date: 23/01/2023 10:56:37 am Share:
  • गुजरात
  • Published by: Dhule Milan ,
  • Date:
  • 23/01/2023 10:56:37 am
Share:

संक्षेप

गुजरात के डांग जिले में एक प्राकृतिक जिला घोषित किया गया है। भारत सरकार और गुजरात सरकार भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इस विषय के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, वघई (डांग) द्वारा सुबीर तालुक के साजुपाड़ा गांव में जैविक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

विस्तार

गुजरात के डांग जिले में एक प्राकृतिक जिला घोषित किया गया है। भारत सरकार और गुजरात सरकार भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इस विषय के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, वघई (डांग) द्वारा सुबीर तालुक के साजुपाड़ा गांव में जैविक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में किसान भाई-बहनों को कृषि विज्ञान केंद्र के विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा जैविक खेती के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे सेकेंड-डेड, लाइव-डेड, मल्चिंग और कीटनाशक स्प्रे से मृदा स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ कीटनाशक मुक्त ताजा सब्जियों और फलों का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षण में किसानों को जीवन-मरण और आग के परिदृश्य से अवगत कराया गया।  इस प्रशिक्षण में उद्यान वैज्ञानिक डाॅ. हर्षदभाई प्रजापति द्वारा प्राकृतिक खेती के माध्यम से व्यय कम करने के विभिन्न तरीके बताए गए।  

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केंद्र प्रमुख डॉ.  जेबी  डोबरिया ने किसानों से आधुनिक कृषि तकनीक अपनाकर कृषि में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। केंद्र वैज्ञानिक डॉ.  प्रतीकभाई जाविया, डॉ. सागरभाई पटेल और कश्यपभाई पटेल ने कृषि, पशुपालन, कृषि-वानिकी आदि विषयों पर बात की। कार्यक्रम में किसान गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी जैसी गतिविधियों के माध्यम से किसानों को परेशान कर रहे मुद्दों को स्थानीय स्तर पर सुलझा लिया गया।  

इस कार्यक्रम में कृषि-प्राकृतिक फोल्डरों का वितरण एवं प्राकृतिक बैनर लगाकर जैविक खेती अपनाकर खेती की लागत कम करने के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों ने घर पर ही खाद व दवाई बनाना सीखा। साजूपाड़ा गांव के 65 से अधिक किसानों ने किसानों को जानकारी देने और खेती में जैविक खेती के सिद्धांतों का उपयोग करने का संकल्प लेने के लिए प्रशिक्षण में उत्साहपूर्वक भाग लिया।