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मंडला सुड़गांव में पुल नहीं होने से परेशानी, जान जोखिम में डालकर डोंगी से नदी पार करते हैं स्कूल के बच्चे
 

मंडला सुड़गांव में पुल नहीं होने से परेशानी

मंडला सुड़गांव में पुल नहीं होने से परेशानी - Photo by : NCR Samachar

मध्य प्रदेश  Published by: admin , Date: 29/09/2022 05:30:06 pm Share:
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  • 29/09/2022 05:30:06 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश मंडला सुड़गांव बारिश में ग्रामीण इलाकों से समस्या और बेवसी की कई तस्वीरें सामने आती हैं। ऐसी ही स्थिति सिंगारपुर आने वाले बच्चों की है। बच्चों को बारिश के तीन से चार माह डोंगी के सहारे नर्मदा नदी पार करनी पड़ती है।

विस्तार

इन्द्रमेन मार्को / एनसीआर समाचार

मध्य प्रदेश मंडला सुड़गांव बारिश में ग्रामीण इलाकों से समस्या और बेवसी की कई तस्वीरें सामने आती हैं। ऐसी ही स्थिति सिंगारपुर आने वाले बच्चों की है। बच्चों को बारिश के तीन से चार माह डोंगी के सहारे नर्मदा नदी पार करनी पड़ती है। बच्चे डोंगी तो चला नहीं सकती है इसके लिए डोंगी चलाने वाले व्यक्ति का इंतजार भी करते हैं। जिसके कारण हर दिन स्कूल पहुंचने में देरी हो रही है। वहीं स्कूल छूटने के बाद घर आने में भी अधिक समय लग रहा है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय सिंगारपुर में स्कूली बच्चों को नर्मदा नदी पार करने आना पड़ता है। लगभग डेढ़ दर्जन बच्चे बारिश के मौसम में जान जोखिम में डाल कर स्कूल पहुंचते हैं। वहीं समान्य दिनो में निचले क्षेत्र से पैदल ही नदी पार करते हैं। जिसमें कई बार उन्हें पानी में भीगे गणवेश के साथ स्कूल पहुंचना पड़ता है। नाव चलाने वाले व्यक्ति नान भाई नंदा एवं गांव के राजेश चक्रवर्ती, इन्द्रमेन मार्को आदि ने बताया कि यहां आए दिन खतरा बना रहता है। पुल ना होने से बच्चे सही समय में स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। 

कभी-कभी बारिश के कारण अचानक नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ने पर चिंता और अधिक बढ़ जाती है। ग्राम जारगा, देवरी, कौआडोंगर, सकरी, बिलगाड़ा आदि ग्रामों के बच्चे पास में प्राथमिक स्कूल तो है। लेकिन पास में माध्यमिक, हाई व हायर सेकंडरी स्कूल ना होने बच्चे शिक्षा ग्रहण करने सिंगारपुर आते हैं। इस सबंध में जनप्रतिनिधियों से मांग कर रहे हैं। लेकिन पुल की स्वीकृति कब मिलेगी यह कहा नहीं जा सकता है। ग्रामीणों की मांग है कि पुल की स्वीकृति ना मिलने तक स्कूल के बच्चों के लिए बड़ी नाव की व्यवस्था की जाए। ताकि बच्चे सुरक्षित नदी पार कर सकें। इससे बाजार आने वाले ग्रामीणाें को भी राहत मिलगी। नदी के दूसरे पार रहने वाले आधा दर्जन गांव के लोगों के लिए सिंगारपुर मुख्य बाजार है।


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