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Uttar pradesh: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से आपूर्ति ठप, कई शहरों में गहराया संकट
Uttar pradesh: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से आपूर्ति ठप, कई शहरों में गहराया संकट - Photo by : social media
संक्षेप
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बातचीत का रास्ता खुला है। गुरुवार रात 11 बजे के बाद नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में मामला दर्ज कर व्यवस्था ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विस्तार
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बातचीत का रास्ता खुला है। गुरुवार रात 11 बजे के बाद नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में मामला दर्ज कर व्यवस्था ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले ही दिन जबरदस्त संकट खड़ा हो गया। गोरखपुर और कानपुर की फैक्ट्रियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक चौथाई बिजली संकट की चपेट में रहा। इस मामले में हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। उन्होंने कार्यकर्ता नेताओं को तलब किया है। वहीं सरकार ने हड़ताल को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है। बिजली आपूर्ति बहाल करने में सहयोग नहीं करने वाले कई कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। वहीं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि लाइन में गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आपूर्ति को पूरी तरह से नियंत्रण में बताते हुए कहा कि प्रदेश में 4000 मेगावाट सरप्लस बिजली है। दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि हड़ताल के कारण उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां ठप पड़ी हैं। राज्य में कुल 1850 मेगावाट उत्पादन प्रभावित हुआ है। समिति ने बिजली कर्मियों पर तोड़फोड़ के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि बिजली संयंत्र बिजली संयंत्रों को अपनी मां मानते हैं और वे शांतिपूर्वक हड़ताल पर हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि ट्रांसमिशन की कई लाइनें बंद हैं और 33/11 केवी सब स्टेशन से बड़े पैमाने पर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अराजकता फैलाने वाले कार्यकर्ताओं की होगी सूची: योगी खुला है संवाद का रास्ता-अरविंद शर्मा हाईकोर्ट सख्त, 20 को होगी सुनवाई
संघर्ष समिति ने हड़ताल के लिए बिजली निगमों के शीर्ष प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बिजली कर्मचारी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का सम्मान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. समिति का दावा है कि 16 मार्च की रात 10 बजे से हड़ताल शुरू होने के बाद से एक भी बिजली मिस्त्री जेनरेटिंग हाउस, एसएलडीसी और ट्रांसमिशन पावर सब-स्टेशनों की नाइट शिफ्ट में काम करने नहीं आया है। हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही।
हड़ताली बिजली कर्मचारियों पर सख्ती दिखाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में कहा कि अराजकता फैलाने वालों की सूची बनाई जाएगी। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कर्यवाही करने की बात कही।
उधर, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि बातचीत का रास्ता खुला है। गुरुवार रात 11 बजे के बाद नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में मामला दर्ज कर व्यवस्था ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यह समय चुनौती का है। सबर रखो। जनप्रतिनिधियों को ध्यान रखना चाहिए कि जो कर्मचारी अपनी सेवाएं देना चाहते हैं उन्हें कोई नहीं रोक सकता।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के संबंध में कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, लखनऊ को वारंट तामील करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को 20 मार्च को तलब किया है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि हड़ताल हाई कोर्ट के पुराने आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया था कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं की जानी चाहिए।
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