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उत्तर प्रदेश: 76,465 घरों तक पहली बार शुद्ध पेयजल पहुंचेगा, दो साल में जलापूर्ति व्यवस्था बदलेगी
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: शहर की पेयजल समस्या दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने सबसे बड़ी और ऐतिहासिक पहल शुरू कर दी है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने जानकारी दी कि अमृत 2.0 के तहत बरेली शहर के
विस्तार
उत्तर प्रदेश: शहर की पेयजल समस्या दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने सबसे बड़ी और ऐतिहासिक पहल शुरू कर दी है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने जानकारी दी कि अमृत 2.0 के तहत बरेली शहर के 76,465 घरों में पहली बार पाइपलाइन आधारित जलधारा प्रवाहित की जाएगी। शहरी जल निगम परियोजना की निविदा प्रक्रिया इसी माह शुरू करने जा रहा है, ताकि आगामी दो वर्षों में इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारा जा सके 265 करोड़ की संशोधित डीपीआर कैबिनेट को भेजी गई व्यव-वित्त समिति द्वारा संशोधित ₹265 करोड़ की डीपीआर कैबिनेट भेजी जा चुकी है। अमृत 2.0 लागू होने के बाद शहर में पेयजल संतृप्तीकरण 51% से बढ़कर 92% तक पहुँच जाएगा। इससे शहर के अधिकांश असंतृप्त और आंशिक असंतृप्त वार्डों को पहली बार निर्बाध पेयजल आपूर्ति मिलेगी। वार्डवार पेयजल संतृप्तीकरण अमृत 2.0 और बरेली पुर्नगठन पेयजल योजना के तहत पूर्णतया असंतृप्त वार्ड:28, 34, 55, 47, 45, 59, 36, 80, 53, 20, 64, 15, 72, 52, 2, 60, 6, 11, 1, 41, 44, 74, 76, 58, 24 आदि (कुल 25–34 के मध्य विभिन्न चरणों में सम्मिलित वार्ड) आंशिक असंतृप्त वार्ड:63, 76, 66, 56, 68, 61, 69, 39, 9, 27, 73, 42, 49, 46, 18, 19, 48, 79, 43, 16, 4, 5, 21 आदि कुल 21–23 के मध्य विभिन्न चरणों में सम्मिलित वार्ड) जहाँ भूमि उपलब्ध थी, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर अवर जलाशय (OHT) और नलकूप के निर्माण हेतु वार्ड शामिल किए गए उच्च जलाशयों की क्षमता कुल 19 उच्च जलाशय प्रस्तावित हैं, जिनकी क्षमता इस प्रकार होग 1300, 2550, 2200, 2600, 2500, 2300, 2400, 1800, 1550, 2400, 1300, 1800, 1600, 2350, 2000, 700, 600, 500 और 1300 किलोलीटर नई टैरिफ व्यवस्था भी तय परियोजना के दौरान प्रति घर मासिक टैरिफ ₹130 प्रस्तावित है
फेज-1 में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य अमृत 2.0 के पहले चरण में शामिल हैं 19 नए ओवरहेड टैंक (OHT) 37 नलकूप 302.36 किमी वितरण पाइपलाइन 19.47 किमी राइजिंग मेन 76,465 नए गृह संयोजन ग्राउंड वाटर रिचार्ज संरचनाएँ परियोजना पूरी होने पर 2011 की जनगणना के अनुसार 80 में से 34 पूर्ण असंतृप्त और 21 आंशिक असंतृप्त वार्ड पहली बार शुद्ध पेयजल से जुड़ जाएंगे 40 से अधिक वार्डों की पुरानी जल समस्या होगी समाप्त 2022-23 में जल निगम द्वारा किये गए सर्वे में शहर के उन हिस्सों की पहचान हुई थी जहाँ अब भी पर्याप्त पेयजल उपलब्ध नहीं है। अमृत 2.0 उन सभी क्षेत्रों को कवर करेगा, जहाँ शुद्ध पानी वर्षों से एक बड़ी समस्या बना हुआ था
शहर में 2025 तक अनुमानित आबादी 11.44 लाख और घरों की संख्या 1.90 लाख मानी गई है। वर्तमान में केवल 93,194 घरों में ही पानी के कनेक्शन हैं। यानी आधी आबादी अब भी पाइपलाइन जल आपूर्ति से वंचित है। इस कमी को पूरा करने के लिए नए 76,465 जल संयोजन स्वीकृत किए गए हैं।
यह शुल्क भविष्य में क्रमशः बढ़ेगा ₹135 (वर्ष 2026–27) ₹170 (वर्ष 2040) ₹210 (वर्ष 2055) योजना के अनुसार प्रति व्यक्ति निर्माण लागत ₹2980 आंकी गई है
75 से 135 LPCD तक पानी की उपलब्धता।
अमृत 2.0 के दिशानिर्देशों के अनुसार शहर में पेयजल आपूर्ति को 77.5 LPCD से बढ़ाकर 135 LPCD किया जाएगा। इसके लिए 135 LPCD क्षमता के अनुरूप 302.38 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएगी जिलाधिकारी बोले“यह बरेली के लिए ऐतिहासिक सौगात डीएम अविनाश सिंह के अनुसार “अमृत 2.0 बरेली की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान है। 76 हजार से अधिक परिवार पहली बार शुद्ध पेयजल से जुड़ेंगे। निविदा इसी माह जारी होगी और जल निगम ने परियोजना को दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। असंतृप्त क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध कराकर कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे, जिससे लोगों को वर्षों पुरानी जल समस्या से मुक्ति मिल सके।
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