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उत्तर प्रदेश: निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा–बच्चा की मौत, जांच और कार्रवाई की मांग तेज
- Photo by : social media
संक्षेप
उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जनपद के दुद्धी- विंढमगंज मार्ग पर स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार को प्रसव के दौरान जच्चा- बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रसव के दौरान ही जच्चा- बच्चा की मौत हो गई, लेकिन
विस्तार
उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जनपद के दुद्धी- विंढमगंज मार्ग पर स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार को प्रसव के दौरान जच्चा- बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रसव के दौरान ही जच्चा- बच्चा की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता की गंभीर हालत बताकर कहीं दूसरे जगह रेफर कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतिका देवंती देवी 28 वर्ष पत्नी शिवकुमार अगरिया दुद्धी तहसील क्षेत्र के बोम (महुली) गांव के निवासी है. वह गर्भवती थी. सोमवार की अल सुबह उसका प्रसव हुआ, मगर बच्चों की मौत हो गई.लोगों का कहना है कि इस गांव की आशा द्वारा कथित राधा रानी हॉस्पिटल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था. भर्ती के पश्चात प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज मे लापरवाही से मरीज की हालत बिगड़ गई और अस्पताल कर्मियों ने उसकी की गंभीर हालत बताते हुए दूसरे अस्पताल मे जाने का रास्ता दिखा दिया. परिजनों से वाराणसी ले जा रहे थे रास्ते में ही उसने अपना दम तोड़ दिया .घटना के पश्चात परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा खड़ा कर दिया। उधर अस्पताल संचालक अपनी निजी अस्पताल को बंद करके बोर्ड, बैनर व पोस्टर हटाकर मौके से फरार हो गया. जच्चा बच्चा की मौत से स्वास्थ्य विभाग में खली- बली मची रही. लोगों का कहना है कि दुद्धी सहित आसपास जगहों पर सीज हुई अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील किया हुआ हॉस्पिटल कुछ ही दिनों बाद बेधड़क खोलकर मरीजों का इलाज किया जाता है. कुछ महीनों के भीतर यह दुद्धी मे दूसरी घटना है, जो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा सीज की गई हॉस्पिटल में जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी. इससे पहले दुद्धी नगर के रामनगर देव हॉस्पिटल में जच्चा बच्चा की मौत हो चुकी है. वहीं मृतिका प्रसूता के गांव के लोगों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि आशा द्वारा सरकारी अस्पताल के बजाय निजी हॉस्पिटल में भर्ती करा ने की सलाह दी गई होगी, जिससे परिवार के लोगों ने भरोसा करके बढ़िया इलाज के लिए भर्ती कराया। समाचार लिखे जाने तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं शासन- प्रशासन द्वारा उक्त निजी अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.इस घटना से लोगों में प्रशासन पर कई सवाल खड़ा करते हुए कहा कि दुद्धी नगर के आसपास धड़ल्ले से चल रहे कई अवैध हॉस्पिटलों व पैथोलॉजी सेंटरों को कुछ ही दिनों पहले नोडल अधिकारी ने सीज कर दिया था. निजी अस्पतालों में मौत पर मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग शिकंजा कसने में नाकाम है. हर मौत के पीछे डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगता है. शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने का दम भरता है अस्पताल सीज भी किए जाते हैं, मगर कुछ ही दिनों बाद अस्पताल खुल जाते हैं और इलाज शुरू हो जाती है।
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