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उत्तर प्रदेश: ऑनलाइन शादी की खोज बनी खतरा फेक मैट्रिमोनियल प्रोफाइल पर I4C ने जारी की चेतावनी
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: अगर आप मैट्रिमोनियल साइट पर दूल्हा या दुल्हन की तलाश में हैं तो आपकी जोड़ी बने या ना बने, लेकिन आप फ्रॉड के शिकार जरूर बन जाएंगे। अब मैट्रिमोनियल साइट्स पर भी साइबर अपराधियों की बूरी नजर पड़ गई है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश: अगर आप मैट्रिमोनियल साइट पर दूल्हा या दुल्हन की तलाश में हैं तो आपकी जोड़ी बने या ना बने, लेकिन आप फ्रॉड के शिकार जरूर बन जाएंगे। अब मैट्रिमोनियल साइट्स पर भी साइबर अपराधियों की बूरी नजर पड़ गई है। अब वह दूल्हा या दुल्हन बनाकर सीधे-साधे लोगों को झांसा दे रहे हैं। इसी को लेकर भारत सरकार की साइबर अपराध समन्वय केंद्र( I4C) एजेंसी ने एडवाइजरी जारी की है और लोगों को सावधान रहने को कहा है। I4C की एडवाइजरी में कहा गया है कि साइबर अपराधी अलग-अलग मेट्रोमोनियल प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल कर, फेक प्रोफाइल बना रहे हैं। इसके बाद इन्वेस्टमेंट फ्रॉड और क्रिप्टो स्कैम कर रहे हैं.I4C ने बताया है कि एनसीआरपी पर बढ़ती शिकायत के आधार पर फेक मेट्रोमोनियल प्रोफाइल पर लोगों को इन्वेस्टमेंट क्रिप्टो स्कैम का शिकार बनाया जा रहा है। एजेंसी का कहना है कि ठग पहले किसी भी मशहूर मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर रजिस्टर करते हैं और आकर्षक, हाई प्रोफाइल प्रोफाइल तैयार करते हैं. वह खुद को बिजनेसमैन वह खुद को बिजनेसमैन, डॉक्टर इंजीनियर या MNC में सीनियर अधिकारी बता कर भरोसा जीतने की कोशिश करते हैं। पहले बातचीत प्लेटफार्म पर होती है,फिर धीरे-धीरे डेटिंग एप्स, सोशल मीडिया और आखरी में व्हाट्सएप या फोन नंबर तक पहुंच बनाई जाती है। इससे पता चलता है कि वही तस्वीर इंटरनेट पर कहीं और उपयोग में है या नहीं, और वह व्यक्ति असली है या ठग। एजेंसी सतर्क करते हुए चेताया है कि पहले बातचीत में किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन नंबर, पता, पहचान पत्र, फोटो या निजी जानकारी न भेजें। सबसे पहले व्यक्ति को समझें, मिले और भरोसा होने पर ही आगे बढे तथा किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसा भेजने की गलती न करें, चाहे वह रिश्ता मजबूत क्यों न दिख रहा हो. मैट्रिमोनियल प्लेटफार्म पर मिलने वाला व्यक्ति ठग भी हो सकता है, जो आपका बैंक खाता खाली कर दे।
लंबी बातचीत के दौरान ठग भावनात्मक रूप से कनेक्शन बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे पीड़ित आसानी से जाल में फंस जाए। जब रिश्ता मजबूत हो जाता है, तब ठग असली चाल चलते हैं. वह पीड़ित को हाई प्रॉफिट वाले इन्वेस्टमेंट या क्रिप्टो करेंसी मे कमाई का लालच देते हैं. शुरुआत में वह नकली प्लेटफार्म पर फर्जी रिटर्न दिखाते हैं, जिससे यूजर को भरोसा हो जाता है. इसके बाद पीड़ित से लाखों रुपए का निवेश कराया जाता है, लेकिन असल में पैसा सीधे ठगों के खाते में पहुंच जाता है और पूरी रकम डूब जाती है। एजेंसी ने सतर्क किया है कि किसी भी व्यक्ति की प्रोफाइल देखकर तुरंत भरोसा न करें। उसका बैकग्राउंड,जॉब डीटेल्स और पता जैसी जानकारी अच्छी तरह सत्यापित करें। इसके साथ ही फेक प्रोफाइल की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है रिवर्स इमेज सर्च।
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