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उत्तर प्रदेश: कुशीनगर के छठ घाट पर गन्दगी का संकट
- Photo by : social media
संक्षेप
उत्तर प्रदेश: सफाई से लेकर सुंदरीकरण कराने में पडरौना क्षेत्र के जंगल बनबीरपुर के सिधुआ बाजार सेनानियों गांव से जुड़े जिम्मेदारों की लापरवाही तो नहीं इस बार वजह ?
कुशीनगर में वैसे तो तालाब,पोखरा और नदियों का संबंध इंसान से बहुत पुराना है। तालाब का महत्व प्यास बुझाने, सिच्चाई से लेकर धार्मिक आस्था तक जुड़ी हुई है। जहां इस मौके पर भारी भीड़ पहुंचती है। लेकिन पडरौना तहसील क्षेत्र के दो-दो स्वतंत्रा संग्राम सेनानी से जुड़े जंगल बनवीरपुर गांव के स्थित सिधुआ ऐतिहासिक छठ घाट का हाल बेहाल है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश: सफाई से लेकर सुंदरीकरण कराने में पडरौना क्षेत्र के जंगल बनबीरपुर के सिधुआ बाजार सेनानियों गांव से जुड़े जिम्मेदारों की लापरवाही तो नहीं इस बार वजह ? छठ घाट पर एक तरफ जहां अतिक्रमणकारी हावी हैं,वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। छठ घाट नहर के भीतर कचरा और बाजार मिलकर आ रही गंदी पानी से पटा हुआ है। गंदी नालियों की पानी इस छोटी नहर में गिराया जा रहा है। छोटी नहर के किनारे छठ वेदी के पास किनारे घास लगी हुई है और लेकिन छोटी नहर पूरा गंदगी और कचरे से भरी पड़ी है। ऐसी स्थिति में छठ व्रत्तियों को वहां पहुंचकर छठ करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। छठ हिंदुओं का महान पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व में तालाबों व पोखरों पर भारी संख्या में भीड़ उभरती है। मगर आज इस तालाब को कचरे से भरने और बाजार से निकलकर आने वाली नहर में गंदे पानी का सिलसिला जारी है। हालांकि शहर के कई छठ घाटों की साफ-सफाई नगरपालिका परिषद पडरौना और स्थानीय प्रशासन द्वारा कराया गया है। लेकिन पडरौना शहर से सटे सिधुआ बाजार का छठ घाट आज भी कचरे और गंदगी से भरी पड़ी है। ऐसा नहीं है कि यह सब कुछ अनजाने में हो रहा है। सूत्रों की मानें तो स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के चलते यह छठ घाट का अतिक्रमण किया जा रहा है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गांव के वकील कुशवाहा, कमलेश शाह,मोहन कुशवाहा, आदि लोगों ने छठ पर्व के एक दिन पहले ही निजात दिलाने की मांग की है। उधर खंड विकास अधिकारी पडरौना सुशील कुमार अग्रहरी ने बताया कि इससे जुड़े समस्या को निजात दिलाने के लिए संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दे दिया गया है। आज सुबह से लेकर दोपहर शाम तक छठ घाट को बेहतर ढंग से पुर्ण करने और जलनिकासी आदी गंदगी को दुर कर यहा की सफाई कार्य कर दिया जाएगा जिससे किसी भी प्रकार की महिलाओं को दिक्कत नहीं होगी।
कुशीनगर में वैसे तो तालाब,पोखरा और नदियों का संबंध इंसान से बहुत पुराना है। तालाब का महत्व प्यास बुझाने, सिच्चाई से लेकर धार्मिक आस्था तक जुड़ी हुई है। जहां इस मौके पर भारी भीड़ पहुंचती है। लेकिन पडरौना तहसील क्षेत्र के दो-दो स्वतंत्रा संग्राम सेनानी से जुड़े जंगल बनवीरपुर गांव के स्थित सिधुआ ऐतिहासिक छठ घाट का हाल बेहाल है।
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