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उत्तर प्रदेश: कोडीन कफ सिरप प्रकरण विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत, व्यापक जांच में नए खुलासे
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: कोडीन सिरप में हो रहे नए-नए खुलासे की गाज विभागीय अधिकारियों पर भी गिरना तय है. विभिन्न स्थानों पर चल रही जांच के दौरान विभागीय संलिप्तता के सबूत मिले हैं. ऐसे में पांच सहायक आयुक्त और औषधि
विस्तार
उत्तर प्रदेश: कोडीन सिरप में हो रहे नए-नए खुलासे की गाज विभागीय अधिकारियों पर भी गिरना तय है. विभिन्न स्थानों पर चल रही जांच के दौरान विभागीय संलिप्तता के सबूत मिले हैं. ऐसे में पांच सहायक आयुक्त और औषधि निरीक्षक विभागीय जांच के दायरे में हैं. इन्हें नोटिस देने की तैयारी है. प्रदेश के महानगरों के रास्ते नेपाल और बांग्लादेश तक चल रहे कोडीन सिरप के धंधे में हर दिन नए-नए खु लासे हो रहे हैं.खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने पड़ताल शुरू की तो कई बड़े गैंग संलिप्त पाए गए हैं. एफएसडीए ने पिछले 10 अक्टूबर को लखनऊ से इसकी शुरुआत की. जांच का दायरा बढ़ा तो परत दर परत खुलने लगी. पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस सिरप को नशे के लिए बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है. जांच के दौरान कानपुर में बड़ी मात्रा में कोडी न कफ सिरप पाई गई. यहां के सहायक आयुक्त और औषधि निरीक्षक को हटाकर प्रदेश मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. इसी तरह वाराणसी और आगरा में कार्यरत रहे सहायक आयुक्त की भूमिका भी संदिग्ध है. उनके खिलाफ भी विभाग को पुख्ता सबूत मिले हैं। काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसल के अनुसार, बिक्री का रिकॉर्ड इन दोनों फार्मो के पास नहीं है, जबकि बैंक खातों में मोटी रकम की आवा जाही होती रही.शुभम के करीबी वाराणसी के विशेश्वरगंज निवासी तुषार अग्रवाल, मनोज यादव, नीरज सिंह, राजीव यादव, ऋषभ यादव, महेश लालवानी, महेंद्र अग्रवाल, प्रशांत उपाध्याय, चौक का सचिन पांडेय घनश्याम, अभिनव यादव, राहुल जायसवाल, हिमांशु चतुर्वेदी, पूजा तिवारी, आकाश पाठक रडार पर हैं. इनकी गिरफ्तारी को लेकर दबिश जारी है. अब तक 38 फर्मो के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज है।
ई औषधि निरीक्षकों की भूमिका की भी आंतरिक जांच चल रही है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पांच सहायक आयुक्त और औषधि निरीक्षक पर गाज गिर सकती है. इन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा. प्रदेश मुख्यालय से जांच में मिले सुराग के आधार पर बॉर्डर वाले जिलों में कार्यरत रहे औषधि निरीक्षकों पर भी निगाह रखी गई है. आंतरिक रूप से इनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, चित्रकूट, ललितपुर सहित दूसरे राज्य से सटे सभी जिलों में कार्यरत रहे औषधि निरीक्षकों पर विभाग की टीम निगाह रखे हुए हैं. शुभम जायसवाल के करीबी कफ सिरप मामले में वंछित निशांत फार्मा के प्रोपराइटर प्रतीक मिश्रा और विश्वनाथ मेडिकल एजेंसी के प्रोपराइटर विशाल सोनकर को कमिश्नरेट की एसआईटी ने सोमवार देर शाम कोलकाता से गिरफ्तार किया. आरोपियों ने झारखंड के शैली ट्रेडर्स से 15 करोड़ रुपए की 10 लाख कफ सिरप शीशी खरीदी थी।
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