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उत्तर प्रदेश में सोशल ऑडिट के दौरान ग्रामीणों ने प्रधान पर लगाए गंम्भीर आरोप 

उत्तर प्रदेश में सोशल ऑडिट

उत्तर प्रदेश में सोशल ऑडिट - Photo by : NCR Samachar

उत्तर प्रदेश   Published by: admin , Date: 26/09/2022 10:35:41 am Share:
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  • Date:
  • 26/09/2022 10:35:41 am
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश संतकबीरनगर में 25 सितंबर को पारदर्शिता सहभागिता एवं जवाबदेही के आधार पर विकासखंड सांथा में चल रहे सोशल ऑडिट के दौरान कहीं भी ग्राम पंचायत अधिकारी अथवा टी.ए.नजर नहीं आए।

विस्तार

वीरेंद्र सिंह यादव: उत्तर प्रदेश संतकबीरनगर में 24 सितंबर को पारदर्शिता सहभागिता एवं जवाबदेही के आधार पर विकासखंड सांथा में चल रहे सोशल ऑडिट के दौरान कहीं भी ग्राम पंचायत अधिकारी अथवा टी.ए.नजर नहीं आए। बता दें कि इसी कड़ी में ग्राम पंचायत साड़ा, रमवापुर सरकारी, राजेडीहा में सोशल ऑडिट के दौरान ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान के ऊपर आरोप लगाया गया कि, हमारे ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी कौन है ? वह आज तक नहीं दिखा और जिसने कभी सफाई नहीं की जबकि स्वच्छता अभियान के द्वारा सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं को उक्त ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। 

वही ग्राम पंचायत रमवापुर सरकारी व राजेडीहा में ग्राम प्रधान द्वारा अपने चहेतों के बीच में 10 मिनट के अंदर बंद कमरे में प्राथमिक विद्यालय व पंचायत भवन मे संपन्न करा लिया जाता है। उसके बाद प्रधान का कहीं अता पता नहीं लगता ग्रामीणों द्वारा अपने उदगार में बताया गया कि उक्त प्रधान द्वारा ना ही कोई जानकारी दी गई और न सोशल ऑडिट टीम के सदस्यों द्वारा डुग्गी मुनादी कराई गई, न ही भौतिक स्थलीय सत्यापन कराया गया। 

इतना ही नहीं सोशल ऑडिट का माहौल तो उड़ाई ही जा रही है। वहीं ग्राम पंचायत के प्रधानों व उनके लोगों द्वारा भी उड़ाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसी आडिट होती रहती है, इसका कोई मायने नहीं है। ऑडिट केवल पैसा कमाने की सीढ़ी है। यह सही भी है कि सोशल ऑडिट टीम के द्वारा न सहभागिता, पारदर्शिता और जवाबदेही को समझ करके आडिट किया जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम पंचायतों के प्रधानों के ऊपर रिकवरी के लिए सोशल मनरेगा सेल/ जिला प्रशासन को लिखा जाए। यही कारण है कि सोशल आडिट जमीनी स्तर पर फ्लॉप नजर आ रहे हैं।