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ऊपर से बह रहा मतावल बांध का पानी, पिछले साल से अधिक हुई बारिश
 

पिछले साल से अधिक हुई बारिश - Photo by : Ncr Samachar

मध्य प्रदेश मंडला  Published by: admin , Date: 23/09/2022 05:19:06 pm Share:
  • मध्य प्रदेश मंडला
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संक्षेप

मध्य प्रदेश मंडला जिले में इस वर्ष एक जून से 22 सितंबर के दौरान 1376.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि इसी अवधि तक गत वर्ष 937.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस प्रकार गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष 438.7 मिलीमीटर अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

विस्तार

इन्द्रमेन मार्को / एनसीआर समाचार

मध्य प्रदेश मंडला जिले में इस वर्ष एक जून से 22 सितंबर के दौरान 1376.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि इसी अवधि तक गत वर्ष 937.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस प्रकार गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष 438.7 मिलीमीटर अधिक वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 सितंबर को मंडला में 11.2 मिमी, नैनपुर में 17.3 मिमी, बिछिया में 23.8 मिमी, निवास में 11 मिमी तथा घुघरी में 13.1 मिमी तथा नारायणगंज में 26.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इस प्रकार जिले में 22 सितम्बर को 17.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।

भादों माह से शुरू हुआ लगातार बारिश का सिलसिला अब तक बना ही हुआ है। जिले के न केवल सभी प्राकृतिक और कृत्रिम जल स्रोत पानी से लबालब भर गए हैं, बल्किं कुछ जल स्रोतों से पानी ओवर फ्लो होने लगा है। बिछिया से करीब 17 कि.मी दूर ग्राम पंचायत दानीटोला के पोषक गांव मतावल में बना बांध लगातार बारिश के चलते ओवर फ्लो हो रहा है। यही नहीं बांध के कई हिस्सों से लगातार पानी तेज बहने से कटाव शुरू हो गया है। जिससे आस-पास के गांवों के लोग चिंतित नजर आ रहे हैं।

इस बांध का निर्माण करीब 25 साल पहले कराया गया था। चूंकि आस-पास सिंचाई के कोई साधन उपलब्ध नहीं थे इसलिए यहां बांध बनाकर नहरों के माध्यम से आस-पास के गांवों में पानी पहुंचाया जाता है। स्थानीय ग्रामीण रामरतन ने बताया कि सालों पुराने इस बांध में विभाग द्वारा कोई मेंटनेंस ही नहीं कराया जाता है। 

विभागीय अधिकारियों द्वारा इस बांध की कितनी देखरेख की जाती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बांध पिछले कुछ दिनों से ओवर फ्लो हो रहा है। लगातार पानी बांध से निकलकर आसपास के खेतों में पहुंचकर यहां लगी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।

बरवानी के बांध में भी आ गई थी दरार

जिले में बनाए गए बांधों के मेंटनेंस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है कहीं बांधों के आस-पास अतिक्रमण हो रहा है कहीं बांधों से रिसाव होने के कारण बांधों में पर्याप्त समय तक पानी नहीं ठहर पा रहा है। जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा अधिकांश बांधों का निर्माण कराकर उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है जबकि इन बांधों के मेंटनेंस के नाम पर विभाग को अच्छा खासा बजट भी मिलता है।

पिछले साल अगस्त माह में घुघरी जनपद पंचायत क्षेत्र के बरवानी गांव में भी मिट्टी के बांध में दरारें आ गई थी। इससे पानी का रिसाव होने लगा था। जिसकी जानकारी प्रशासन को लगते ही मौके पर एसडीईआरएफ की टीम व होमगार्ड की टीम ने मोर्चा संभाला था। जेसीबी मशीन के माध्यम से बांध के हिस्से को काटकर पानी निकाला गया था ताकि बांध को फूटने से बचाया जा सके। 

इस बांध के नीचे बसे गांव के लोगों की कुछ दिनों तक रात की नींद उड़ गई थी। इसके बाद टीम ने अभियान चलाकर बांध के पानी को निकाल दिया। जिससे बड़ा हादसा टल गया था। हालांकि इस तरह की घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार अमला बांधों के मेंटनेंस, देखरेख पर ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। बांध में पानी के ओवर फ्लो और कटाव होने की सूचना कलेक्टर को दी गई है। जिस पर कलेक्टर ने मैदानी अमले को भेजकर उचित कार्रवाई की बात कही है।

धान की फसल पर मंडरा रहा खतरा

मतावल के ग्रामीणों ने बताया कि बांध का पानी ओवर फ्लो होकर लगातार आस-पास के खेतों से होकर बह रहा है। इन खेतों में वर्तमान में खरीफ की फसल लगी हुई है। कुछ दिन तो ये फसल पानी की मार सहन कर लेंगे, लेकिन यदि इसी तरह खेतों में पानी भरा रहा तो धान की फसलों में बदरा रोग लगा जाएगा। अर्थात धान के अंदर दाने नहीं बन पाएंगे। जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

मरम्मत पर नहीं ध्यान

गौरतलब है कि ऐसे क्षेत्र जहां पानी की उपलब्धता कम है वहां नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाने की व्यवस्था बनाई जाती है। इन नहरों को बड़े-बड़े बांधों से जोड़ जाता है। जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा ऐसे कई छोटे-बड़े बांधों का निर्माण कराया गया है लेकिन समय-समय में इनका मरम्मतीकरण, देख-रेख नहीं होने से आए दिन बांधों में दरार तो कई बार बांध फूटने तक की कगार पर पहुंचने के समाचार सामने आते रहे हैं। पिछले साल अगस्त महीने में घुघरी बरवानी में भी एक बांध फूटने की कगार पर पहुंच गया था।

जलस्रोतों को साफ करने की मांग

एक तरफ जहां मतावल बांध में लगातार कटाव के चलते ग्रामीणों को इस बांध के कभी भी टूटने का खतरा बना हुआ है। वहीं लगातार बारिश के चलते इस गांव के कुएं भी ओवर फ्लो होने लगे हैं, आस-पास का दूषित पानी सीधे इन कुंओं के पानी में मिल रहा है। बड़ी संख्या में ग्रामीण इन कुओं के पानी का उपयोग पेयजल के रूप में करते हैं। चूंकि आस-पास का दूषित पानी इन कुओं सहित अन्य जल स्रोतों में मिल रहा है इससे इस गांव में डायरिया जैसी महामारी फैलने का भी संकट बन गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने सभी जल स्रोतों में पानी साफ करने के लिए जरूरी दवाएं डालने की मांग की है।