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उत्तर प्रदेश: रॉयल वाल्मीकि आर्मी द्वारा भगवान वाल्मीकि की महा आरती एवं रामलीला का भव्य आयोजन

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उत्तर प्रदेश  Published by: Ajay Saxena , Date: 29/09/2025 02:19:50 pm Share:
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  • 29/09/2025 02:19:50 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: आज दिनांक 28 सितंबर 2025 को रॉयल वाल्मीकि आर्मी मुरादाबाद के नेतृत्व में श्री राम कथा मंचन समिति लाजपत नगर मुरादाबाद में लाजपत नगर रामलीला मैदान के भाव रंगमंच पर त्रिकालदर्शी कमलेश्वर भगवान वाल्मीकि जी की महा आरती का आयोजन किया गया।

विस्तार

उत्तर प्रदेश: आज दिनांक 28 सितंबर 2025 को रॉयल वाल्मीकि आर्मी मुरादाबाद के नेतृत्व में श्री राम कथा मंचन समिति लाजपत नगर मुरादाबाद में लाजपत नगर रामलीला मैदान के भाव रंगमंच पर त्रिकालदर्शी कमलेश्वर भगवान वाल्मीकि जी की महा आरती का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु एवं मुरादाबाद के समस्त वाल्मीकि समाज के लोग उपस्थित रहे आरती रॉयल वाल्मीकि आर्मी मुरादाबाद के मंडल अध्यक्ष अभिषेक रत्नाकर जी ने की उनके साथ श्री राम कथा मंचन समिति के समस्त पदाधिकारी गण एवं भगवान वाल्मीकि प्रकट उत्सव कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र पांडव और उनकी पूरी कमेटी, धर्मज्ञ जय किशोर, आर्यन पांडव, साहिल गुजराल, आदेश भारती, सरल वीर, श्याम साहू, सिद्धांत भारती, प्रेम बाबू वाल्मीकि, रोहित मदान, अंशु वाल्मीकि, संजय ठाकुर, विजय वीर, सत्यपाल वाल्मीकि जी, कुणाल वाल्मीकि, ऋतिक वाल्मीकि आदि युवा साथी उपस्थित रहे। महा आरती एवं भोग प्रसाद के बाद लाजपत नगर रामलीला मैदान के भव्य रंगमंच पर स्वामी नंदकिशोर शर्मा के कुशल नेतृत्व में श्री बृज धाम रामकृष्ण लीला संस्थान वृंदावन के कलाकारों द्वारा आज लीला में शबरी मिलन हनुमान राम का मिलन सुग्रीव मित्रता बाली सुग्रीव संवाद बाली वध सीता खोज हनुमान का लंका में प्रवेश हनुमान द्वारा अक्षय कुमार का वध रावण हनुमान संवाद लंका दहन की लीला का मनमोहन एवं सुंदर सुमधुर मंचन किया गया। राम और लक्ष्मण वन में सीता की खोज में वन वन भटक रहे हैं वह पक्षियों से पूछते हैं कि तुमने मेरी सीता को देखा है कभी वन के जानवरों से पूछते हैं और कभी पेड़ो से पूछते हैं कि मेरी सीता कहां है कोई तो बता दे की सीता कहां चली गई और वह भटकते भटकते भीलनी शबरी माता के आश्रम तक पहुंच जाते हैं और वह राम लक्ष्मण को देखकर धन्य हो जाती हैं और वह आश्रम में उनका सत्कार कर उनको अपने हाथों से चखकर बेर खिलाती है और वह राम से कहती हैं की है ऋषि मुख पर्वत की ओर जाएं वहां आपको कुछ वानर मिलेंगे वह आपकी आवश्यक सहायता करेंगे। ऋषि मुख पर्वत पर सुग्रीव अपने कुछ साथियों के साथ बैठे होते हैं तभी वह देखते हैं कि दो राजकुमार हमारी ओर चले आ रहे हैं यह हनुमान से कहते हैं की लगता है यह वाली द्वारा भेजे गए दूत हैं जो हमें मार ने आ रहे हैं आप जाकर सच्चाई का पता लगाओ हम छुप जाते हैं। हनुमान जी ब्राह्मण का भेष बनाकर दोनों राजकुमारों से मिलकर जानना चाह रहे हैं कि आप कौन हैं और कहां से आए हैं राम हनुमान को अपना परिचय देते हैं और सारी कहानी बताते हैं हनुमान राम से मिलकर प्रफुल्लित हो जाते हैं और अपने गले लगाकर अपने कंधों पर बिठाकर सुग्रीव के पास ले जाते हैं वहां राम और सुग्रीव की मित्रता होती है  सुग्रीव अपनी आपबीती सुनाते हैं और राम बाली वध का वचन देते हैं। रामलीला की व्यवस्था में समिति के अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल विनोद बाबू सक्सेना राजीव राघव श्याम कृष्ण रस्तोगी मुकुल बंसल रामकुमार गुप्ता शम्मी रस्तोगी विवेक शर्मा अतुल अग्रवाल विपिन अग्रवाल राजेंद्र अग्रवाल शरद अग्रवाल मनोज व्यास राजेश त्रिपाठी का सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।