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उत्तराखंड: 17 साल बाद पांडव मंदिर में महाभारत जागर कथा, आस्था का उमड़ा सैलाब

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उत्तराखंड  Published by: Likhit Pant , Date: 29/12/2025 03:43:44 pm Share:
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संक्षेप

उत्तराखंड: तहसील मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर चहज गांव में 17 साल  बाद पांडव मंदिर के जागर स्थल में  22 दिवसीय महाभारत जागर कथा अमृत सुनने उमड़ा आस्था का जन सैलाब अष्टम दिवस

विस्तार

उत्तराखंड: तहसील मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर चहज गांव में 17 साल  बाद पांडव मंदिर के जागर स्थल में  22 दिवसीय महाभारत जागर कथा अमृत सुनने उमड़ा आस्था का जन सैलाब अष्टम दिवस की कथा में  राजसूय यज्ञ के लिए जटिलतम सामग्रियों में लंका का सोना भी एक समान होता है को लेने हेतु गढ़ लंका को रवाना होते हैं  रास्ते में उनकी मुलाकात सुभद्रा से होती है सुभद्रा उनसे अपने पास रुकने की जिद करती है अर्जुन उन्हें मनाने की असफल कोशिश करते हैं फिर रात्रि विश्राम हेतु दोनों जाते हैं, 

सुभद्रा घोर निद्रा में होती हैं तब अर्जुन उठकर गढ़ लंका हेतु बिना सुभद्रा को बताए प्रस्थान करते हैं,  जागर के गायकों में इंद्र सिंह भंडारी, पुराण सिंह भंडारी सहित मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेश जोशी, जागर समिति के अध्यक्ष  षष्ठी बल्लभ जोशी , मंदिर के पुजारी नरोत्तम जोशी, प्रमोद जोशी, सहित गंगोलीहाट से कैलाश पंत, प्रकाश जोशी  सहित विशाल भीड़ उपस्थित रही।