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झारखण्ड: गोड्डा पुलिस मुठभेड़ पर NCST ने CBI जांच की मांग की, आदिवासी नेता सूर्या हांसदा की मौत पर विवाद
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संक्षेप
झारखण्ड: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की अध्यक्ष आशा लकड़ा ने अपने फेसबुक पोस्ट में गोड्डा पुलिस मुठभेड़ पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि घटनाक्रम की जां
विस्तार
झारखण्ड: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की अध्यक्ष आशा लकड़ा ने अपने फेसबुक पोस्ट में गोड्डा पुलिस मुठभेड़ पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि घटनाक्रम की जांच में गंभीर तथ्यात्मक विसंगतियां पाई गई हैं। उन्होंने झारखंड सरकार को सिफारिश की है कि आदिवासी नेता सूर्य नारायण हांसदा की मौत के मामले की जांच CBI से कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों पर कार्रवाई हो। आयोग ने गोड्डा के DC, SP और DGP झारखंड की रिपोर्टों को तथ्यों से मेल नहीं खाने वाला बताया और निर्देश दिया कि मुठभेड़ में शामिल सभी अधिकारी जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करें। इस घटना ने आदिवासी समाज में जबरदस्त आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि हांसदा लगातार अवैध खनन और प्रशासन-माफिया गठजोड़ का विरोध करते थे, जिससे उन्हें निशाना बनाया गया। गांव वालों ने याद किया कि वे गरीब, अनाथ और बेसहारा बच्चों की मदद करते थे और आम लोगों के लिए हमेशा खड़े रहते थे। उनका मानना है कि सच बोलने की कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ी। इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि हांसदा को हिरासत में लेकर थर्ड डिग्री टॉर्चर और इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। बाद में शव को फेंककर मुठभेड़ का रूप देने की कोशिश की गई। अब सवाल यह है कि झारखंड सरकार आयोग की अनुशंसा पर कितनी गंभीरता दिखाती है। आदिवासी संगठनों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जांच दबाने की कोशिश हुई तो यह आंदोलन गोड्डा से पूरे झारखंड में फैल जाएगा।