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उत्तर प्रदेश: भाखड़ा नदी में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
- Photo by : social media
संक्षेप
उत्तर प्रदेश: भाखड़ा नदी में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त, वन विभाग बेसुध। मगरमच्छ के डर से पशुओं को पानी पिलाने एवं नहलाने नदी में नहीं जा रहे ग्रामीण, स्कूली बच्चों में भी फैली है दहशत।
विस्तार
उत्तर प्रदेश: भाखड़ा नदी में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त, वन विभाग बेसुध। मगरमच्छ के डर से पशुओं को पानी पिलाने एवं नहलाने नदी में नहीं जा रहे ग्रामीण, स्कूली बच्चों में भी फैली है दहशत। जनपद बरेली के मीरगंज तहसील इलाके में उस समय ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गयी जब गांवों के समीप से गुजरने वाली भाखड़ा नदी का जल स्तर घटने के बाद मगरमच्छ ग्रामीणों को दिखना शुरू हुए। और लगातार मगरमच्छ दिखने का सिल सिला कई दिनों से बना हुआ है। जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई है। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार अभी तक इस मसले में पूरी त रह से शिथिलता बरते हुए हैं। जनपद बरेली के मीरगंज तहसील क्षेत्र से होकर रामगंगा समेत कई नदियां प्रवाहित हो रही हैं। उन्हीं में से एक भाखड़ा नदी भी है। विगत दिनों पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी वर्षा होने से नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया था। और जल स्तर धीरे धीरे काफी कम होने पर मीरगंज विकास खंड के गांव रेतीपुरा महेश, सुरेंद्र, ज्ञानेंद्र, महेंद्र, भूपराम और ओमपाल व वीरपाल, हरपाल आदि तमाम लोगों को लगातार एक सप्ताह से गांव के किनारे से होकर प्रवाहित हो रही भाखड़ा नदी में विशालकाय मगरमच्छ दिखाई दे रहा है। इसी तरह मगरमच्छ को गांव वलेही व पहाड़पुर के लोगों ने भी देखा। जिससे ग्रामीण अपने पशुओं को नदी में पानी पिलाने हेतु नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं मगरमच्छ हमला न कर दे। महेंद्र मल्लाह ने बताया कि गांव रेतीपुरा और परचवा के मध्य में भाखड़ा नदी पार करने हेतु नाव चलाते हैं। उनका कहना है कि एक बार जव वह राहगीरों को नाव में बैठाकर नदी पार कर रहे थे कि मगरमच्छ नाव के पीछे गया और वापस भी आया। जिससे सवारियां और वह स्वयं काफी भयभीत हो गया था। और वह डरे सहमे नाव खे रहा है। बता दें कि गांव रेतीपुरा, वलेही, पहाड़पुर, मडवा वंशीपुर तक के ग्रामीण मीरगंज विकास खंड एवं बाजार हेतु इसी रेतीपुरा के घाट से होकर जाते हैं। और मीरगंज के लिए स्कूली बच्चे भी काफी तादात में जाते हैं, लेकिन मगरमच्छ दिखने से बच्चे भी भयभीत हैं। और ग्रामीण पशुओं को पानी पिलाने एवं नहलाने तक को नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों में मोती राम वर्मा, द्वारिका प्रसाद, महेश, सुरेंद्र, कृष्णपाल, ज्ञानेंद्र, महेंद्र, भूपराम एवं ओमपाल, वीरपाल, हरपाल आदि लोगों ने वन विभाग एवं शासन व प्रशासन से मगरमच्छ को पकड़कर सही स्थान पर छोड़े जाने की मांग की है। इस संदर्भ में मीरगंज के वन क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार मथपाल से दूरभाष पर बताया गया कि भाखड़ा नदी में मगरमच्छ दिखने की जानकारी होने पर उनके द्वारा तीन चार दिनों पूर्व वन विभाग की टीम भेजी गयी थी। तो मगरमच्छ पानी में चला गया। उन्होंने भी मगरमच्छ होने की पुष्टि की है।
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