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Yaman Nimisha Priya: यमन में फंसी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सज़ा को टाला
- Photo by : social media
संक्षेप
विदेश: यमन में फांसी की सज़ा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया क्वे लिए एक राहत भरी खबर आई है। निमिषा को 16 जुलाई 2025 को फांसी होने वाली थी,जो यमन की स्थानीय प्रशासन ने टाल दिया है।
विस्तार
विदेश: यमन में फांसी की सज़ा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया क्वे लिए एक राहत भरी खबर आई है। निमिषा को 16 जुलाई 2025 को फांसी होने वाली थी,जो यमन की स्थानीय प्रशासन ने टाल दिया है। फांसी की सज़ा मिलने के बाद निमिषा का परिवार सक्रिय था,उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाईं थी, जिसके बाद सरकार ने भी मदद देने का आस्वाशन दिया था। यमन में निमिषा मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी सैमुअल जेरोम ने कहा, "सब कुछ सकारात्मक दिशा में जा रहा है. आज (मंगलवार) के दिन के अंत तक कोई अच्छी ख़बर मिल सकती है. लेकिन यह फाँसी की सज़ा रद्द होने की ख़बर नहीं होगी. फाँसी सिर्फ़ टाली जाएगी." केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया साल 2008 में नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन गई थी। निमिषा को वहाँ के स्थानीय निवासी और पूर्व बिज़नेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में सजा सुनाई गई है। 34 वर्षीय निमिषा साल 2017 से ही यमन की केंद्रीय जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने उन्होंने महदी को 'बेहोशी की दवा की ज़्यादा ख़ुराक' देकर मार डाला और फिर शव के टुकड़े कर दिए। इस मामले में भारत सरकार अपनी नज़र बनाये हुए है भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, "हमें निमिषा प्रिया को यमन में मिली सज़ा की जानकारी है. हम यह समझते हैं कि प्रिया का परिवार सभी मौजूद विकल्पों की तलाश कर रहा है." जायसवाल ने कहा था, "भारत सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है." बीते साल दिसंबर में ऐसी मीडिया रिपोर्टें भी सामने आई थीं जिनमें दावा किया गया था कि महदी परिवार के साथ बातचीत कर माफ़ी दिलाने की कोशिशें नाकाम होने के बाद मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
उन्होंने यह भी कहा था कि 'अब तक महदी के परिवार ने माफ़ी नहीं दी है. अगर वे माफ़ कर देते हैं, तभी मौत की सज़ा रद्द हो सकती है. फिलहाल हमारे पास केवल फाँसी टालने का विकल्प है, जिससे हमें परिवार से बातचीत के लिए और समय मिलेगा.'यमन सरकार से अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है. हम आधिकारिक आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं।
क्यों दी गई फांसी की सज़ा
निमिषा के वकील ने निमिषा के ऊपर लगे इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि महदी ने उन्हें शारीरिक यातनाएं दीं, उनका सारा पैसा छीन लिया, उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया और बंदूक़ से धमकाया। वह सिर्फ़ बेहोशी की दवा देकर महदी से वापस अपना पासपोर्ट हासिल करना चाहती थीं लेकिन दुर्घटनावश दवा की मात्रा अधिक हो गई।