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बिहार: इंडो-नेपाल इनरवा बॉर्डर पर तस्करी पर काबू नहीं, एसएसबी तैनात होने के बावजूद जारी है अवैध कारोबार
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विस्तार
बिहार: मैनाटांड प्रखंड क्षेत्र स्थित इंडो-नेपाल इनरवा बॉर्डर पर तस्करी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जबकि सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की 47वीं बटालियन वहां तैनात है। तस्करी के इस अवैध कारोबार में चीन, तेल, अंडा, डीएपी यूरिया और मुर्गा जैसी चीजों की तस्करी शामिल है। हालांकि, एसएसबी की मौजूदगी के बावजूद इन गतिविधियों को रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। सीमावर्ती खुली सीमा का नेपाल द्वारा बार-बार फायदा उठाया जा रहा है, और अब तस्करी का दायरा खाद्यान्न, खाद्य पदार्थों और मुर्गे तक बढ़ गया है। विशेष रूप से धान और गेहूं के सीजन के दौरान भारतीय किसानों को खाद्य सामग्री मिलना कठिन हो गया है। जब वे अपने सामान खरीदने के लिए दुकानों और गोदामों में लाइन लगाते हैं, तब उन्हें निराशा ही मिलती है। इन सामानों की बड़ी खेप तस्करी के द्वारा नेपाल भेजी जा रही है, जहां उन्हें दो से तीन गुना अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। नेपाल में तस्करों के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे रास्तों में मुख्य रूप से इनरवा बाजार के चोर गली के रास्ते का उपयोग किया जाता है, जहां एसएसबी के जवानों की मौजूदगी के बावजूद तस्करी का यह अवैध कारोबार जारी है। भारतीय खाद्य और मुर्गे की तस्करी नेपाल में होने के कारण स्थानीय बाजारों में इन वस्तुओं की कीमत भी बढ़ गई है। इस मामले को लेकर किसानों और स्थानीय निवासियों ने चिंता जताई है, क्योंकि तस्करी की वजह से उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है। सरकार और प्रशासन से इस अवैध कारोबार पर काबू पाने की मांग की जा रही है, ताकि सीमावर्ती इलाके में किसानों को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री मिल सके और तस्करी पर रोक लगाई जा सके।