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बिहार: सूफ़ी संत ख्वाजा अब्दुल्ला चिश्ती का उर्स धूमधाम से हुआ सम्पन्न

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बिहार  Published by: Sanjay Kumar Verma , Date: 29/12/2025 01:46:49 pm Share:
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  • 29/12/2025 01:46:49 pm
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संक्षेप

बिहार: नवादा ज़िले के नरहट प्रखंड अंतर्गत ग्राम शेखपुरा में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 रज्जब 4जनवरी को सूफ़ी संत ख़्वाजा अब्दुल्ला चिश्ती र.अ. का उर्स अकीदत और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ।

विस्तार

बिहार: नवादा ज़िले के नरहट प्रखंड अंतर्गत ग्राम शेखपुरा में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 रज्जब 4जनवरी को सूफ़ी संत ख़्वाजा अब्दुल्ला चिश्ती र.अ. का उर्स अकीदत और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। उर्स के मौके पर बड़ी संख्या में ज़ायरीन जुटे और फातिहा, दुआ तथा ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ के माध्यम से अमन-ओ-मोहब्बत का पैग़ाम दिया गया। स्थानीय बुज़ुर्गों के अनुसार, मजार पहले खुले स्थान में था, जिसे 1970 के दशक में गौसपुर मोहल्ला की समिति के सामाजिक-सक्रिय लोगों ने ढलाई कर संरक्षित कराया। ढलाई के बाद उर्स के आयोजन में निरंतरता आई और श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ढलाई के लगभग पाँच वर्ष बाद, ग्राम के प्रतिष्ठित व्यक्ति ज़मीर उद्दीन अंसारी के प्रयासों से उर्स में गैस लाइट की रोशनी और क़व्वाली प्रोग्राम जोड़ा गया। रोशनी से सजा मजार और रात भर गूंजती सूफ़ियाना क़व्वालियों ने उर्स को क्षेत्रीय पहचान दिलाई। यह परंपरा लगभग एक दशक तक पूरे उत्साह और गरिमा के साथ चलती रही, जिसे आज भी ग्रामीण स्मरण करते हैं। इस वर्ष के उर्स को और भी विशेष बनाते हुए ज़िला वक़्फ़ बोर्ड के प्रतिनिधियों की उपस्थिति प्रस्तावित है। कार्यक्रम में वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन फख्र उद्दीन अली अहमद उर्फ़ चामो, सचिव मौलाना अबू सालेह नदवी तथा सदस्य साजिद हुसैन, महबूब काजमी, फ़ैज़ असदुल आरफीन सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी रहेगी। उनकी सहभागिता से उर्स के आयोजन को मार्गदर्शन और गरिमा मिलने की उम्मीद है। उर्स के दौरान सुरक्षा व व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों और स्वयंसेवकों ने सक्रिय सहयोग किया। आयोजन ने यह संदेश दोहराया कि धार्मिक परंपराएँ जब सेवा, अनुशासन और समावेशन से जुड़ती हैं, तो वे समाज को जोड़ने की सशक्त शक्ति बन जाती हैं। ग्राम शेखपुरा का 14 रज्जब का उर्स आज भी शांति, भाईचारे और इंसानियत की साझा विरासत के रूप में क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है।


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