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गुजरात: डांग में साहिबजादों की याद में भव्य "वीर बाल दिवस" समारोह
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संक्षेप
गुजरात: सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह जी के पुत्रों—साहिबजादों के अद्भुत शौर्य और बलिदान की स्मृति में हर साल 26 दिसंबर को पूरे देश में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों और युवाओं में वीरता,
विस्तार
गुजरात: सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह जी के पुत्रों—साहिबजादों के अद्भुत शौर्य और बलिदान की स्मृति में हर साल 26 दिसंबर को पूरे देश में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों और युवाओं में वीरता, नैतिक मूल्यों और देशभक्ति की भावना विकसित करना है। गुजरात सरकार द्वारा इस वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के उपलक्ष्य में 27 दिसंबर 2025 तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसी कड़ी में आज डांग जिला प्रशासन, सरकारी कला एवं वाणिज्य कॉलेज (आहवा) तथा सरकारी विज्ञान कॉलेज (आहवा) के संयुक्त तत्वावधान में "वीर बाल दिवस" का भव्य आयोजन किया गया। प्रमुख अंश संस्कारों का सिंचन: सरकारी विज्ञान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ए. जी. धारिया ने अपने संबोधन में कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के भीतर की वीरता को उजागर करना और भावी पीढ़ी में संस्कारों का संचार करना है। उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए ईमानदारी, निष्ठा और नैतिकता अनिवार्य है। विद्यार्थियों को अभी से समय का सदुपयोग और सहनशीलता जैसे गुण विकसित करने चाहिए। साहिबजादों का बलिदान: मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. उमेश हडसे ने वीर बाल दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह दिन भारतीय इतिहास के उन अमर बालकों की याद दिलाता है जिन्होंने छोटी सी उम्र में अदम्य साहस और अडिग श्रद्धा का परिचय दिया। इतिहास की गौरव गाथा: डॉ. हडसे ने बताया कि कैसे साहिबजादा अजीत सिंह और जुझार सिंह ने चमकौर साहिब के युद्ध में वीरतापूर्वक शहादत प्राप्त की। वहीं दूसरी ओर, मात्र 9 वर्ष के जोरावर सिंह और 6 वर्ष के फतेह सिंह ने सरहिंद में धर्म परिवर्तन के दबाव और लालच के आगे झुकने के बजाय मृत्यु को गले लगाना बेहतर समझा। उन्हें जीवित दीवार में चुनवा दिया गया, लेकिन उन्होंने अपने धर्म और आत्मसम्मान का त्याग नहीं किया। प्रेरणा और उपस्थिति डॉ. उमेश हडसे ने विद्यार्थियों को सत्य पर अडिग रहने, अन्याय के खिलाफ खड़े होने और मानवीय मूल्यों के लिए समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सरकारी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र, आहवा कॉलेज के विद्यार्थी, शिक्षक और प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डांग जिला विकास अधिकारी कार्यालय के अधिकारी श्री चेतन त्रिवेदी ने आभार व्यक्त किया।
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