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मध्य प्रदेश: दमोह के तेंदूखेड़ा में शिक्षक की मौत पर रोष, संयुक्त मोर्चा ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
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संक्षेप
मध्य प्रदेश: तेंदूखेड़ा तहसील में ज्ञापन दिया गया शिक्षक श्यामसुंदर शर्मा की आकस्मिक दुर्घटना में हुई मौत से शिक्षकों में रोष व्याप्त, मृतक को न्याय दिलाने एवं संबंधित कर्मचारी अधिकारियों पर कार्यवाही को लेकर ए
विस्तार
मध्य प्रदेश: तेंदूखेड़ा तहसील में ज्ञापन दिया गया शिक्षक श्यामसुंदर शर्मा की आकस्मिक दुर्घटना में हुई मौत से शिक्षकों में रोष व्याप्त, मृतक को न्याय दिलाने एवं संबंधित कर्मचारी अधिकारियों पर कार्यवाही को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन दमोह तेंदूखेड़ा--संयुक्त मोर्चा शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ ने गुरूवार को बडे ही रोष के साथ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सौरभ गंधर्व तेंदूखेड़ा को संवेदनशील निर्णय, दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही तथा शिक्षक वर्ग को बीएलओ कार्य से मुक्त बीएलओ ड्यूटी से संबंधित शिक्षक साथी श्यामसुंदर शर्मा की मृत्य एवं अन्य दुर्घटनाओं के किए जाने संबंधी कई मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा हैं। साथ ही श्याम सुंदर शर्मा को न्याय दो, बीएलओ का बीमा करो जैसे नारे तहसील परिसर में लगाएं। शिक्षकों ने बताया कि निर्वाचन आयोग दवारा संचालित एसआईआर कार्य हेतु दुखद घटनाओं ने शिक्षक समाज को गहन पीडा और चिंता में डाल दिया है। शिक्षकों को बीएलओ के रूप में नियुक्त किया गया है। कितु इस प्रक्रिया में घटित कुछ गंभीर एवं मंगलवार को बीएलओ कार्य से लौटते समय दो शासकीय शिक्षकों के साथ दुर्घटनाएँ घटित हुई हैं। श्यामसुंदर शर्मा, शासकीय शिक्षक एवं बीएलओ जो कार्य कर लौट रहे थे. मार्ग में सड़क दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए। रमेश विश्वकर्मा, शासकीय शिक्षक बीएलओ कार्य से लौटते समय तारादेही मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त होकर गंभीर रूप से घायल हुए तथा उन्हें जबलपुर रेफर किया गया। शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि श्यामसुंदर शर्मा जी को नियम-विरुद्ध रूप से बीएलओ नियुक्त किया गया था। उनकी पदस्थ मूल शाला से बीएलओ के रूप में बनाए गए मतदान केंद्र की दूरी लगभग 3 से 5 किलोमीटर है, बकि उसी ग्राम में दो अन्य शिक्षक पदस्थ हैं, जिन्हें नियुक्त किया जाना नियमानुसार अधिक उचित था। फिर भी शर्मा जी को अनावश्यक रूप से दूरस्थ केंद्र पर लगाया गया, जो नियम एवं मानवीय दृष्टि दोनों से अनुचित था। श्री शर्मा लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे, उन्हें मोबाइल संचालन का पर्याप्त ज्ञान नहीं था, और वे मोटरसाइकिल भी सुचारु रूप से नहीं चला पाते थे। उन्होंने इन सभी बातों को संबंधित कार्यालयीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के समक्ष विनम्रतापूर्वक रखा, किंतु उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके विपरीत, कार्यालय में उपस्थित कर्मचारियों द्वारा उनकी बात सुनने के स्थान पर उन्हें सस्पेंड करवाने जैसी बातें कही गई। जिससे वे मानसिक रूप से अत्यंत प्रताड़ित और तनावग्रस्त हो गए। इसका साक्ष्य रिकॉर्डिंग के रूप में उपलब्ध है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर प्रस्तुत किया जा सकता है। स्पष्ट है कि इन प्रतिकूल एवं अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करते हुए श्री शर्मा पर मानसिक दबाव बढ़ता गया और इसी के परिणामस्वरूप यह दुःखद दुर्घटना घटित हुई। शिक्षकों ने मांग की हैं कि श्यामसुंदर शर्मा (मृतक) एवं रमेश विश्वकर्मा को ड्यूटी पर मानते हुए शासन द्वारा निर्धारित सभी शासकीय लाभ, अनुग्रह राशि बीमा एवं अन्य आर्थिक सहायता शीघ्र स्वीकृत की जाए। मृतक शिक्षक के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति तत्काल प्रदान की जाए। श्री शर्मा की नियम विरुदध बीएलओ नियुक्ति एवं उनके साथ हुए मानसिक उत्पीडन के लिए उत्तरदायी संबंधित कार्यालयीन अधिकारी कर्मचारियों पर तत्काल निलंबन एवं विभागीय जाँच की जाए। बीएलओ कार्य में संलग्न शिक्षकों को भी निर्वाचन कार्य में लगे अन्य कर्मचारियों के समान सभी शासकीय लाभ एवं सुरक्षा प्रावधान प्रदान किए जाएँ। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु शिक्षक वर्ग को बीएलओ कार्य से पूर्णतः मुक्त किया जाए, अथवा उन्हें केवल उनके विद्यालय से समीपस्थ केंद्रों पर ही लगाया जाए। बीएलओ कार्य हेतु स्थानीय कर्मियों, आँगनवाडी कार्यकर्ताओं या अन्य विभागीय स्टाफ का उपयोग किया जाए, ताकि शिक्षण कार्य एवं शिक्षक सुरक्षा दोनों सुनिश्चित रहें। शिक्षक समाज सदैव अपने शैक्षिक कर्तव्यों एवं लोकतांत्रिक उत्तरदायित्वों के प्रति समर्पित रहा है. परंतु यह सहयोग तभी सार्थक है जब वह मानवीय मर्यादा, सुरक्षा और सम्मान के साथ हो। उपरोक्त घटनाओं को गंभीरता एवं संवेदनशीलता से लेते हुए तत्काल जाँच, कार्यवाही एवं दिशा-निर्देश जारी किए जाएँ, ताकि भविष्य में किसी भी शिक्षक को इस प्रकार की त्रासदी का सामना न करना पड़े। ज्ञापन देने वालों में शिक्षक गुड्डा सिंह ठाकुर, मनोहर सिंह ठाकुर, महेंद्र दीक्षित, ब्रजराज परिहार, दौलत सिंह ठाकुर, मुंशी सिंह ठाकुर, गणेश राज, बलराम यादव, विशाल परस्ते, हरि साहू, शंकर लाल झारिया, चेतराम यादव, महेश सेन, जितेंद्र बागवार, राजेश शर्मा, राजेश लोधी, कुंदन, दिलीप द्विवेदी, कमल सिंह, देवी शंकर यादव, द्वारका साहू, माधव लोधी, जितेंद्र नामदेव के साथ अधिक संख्या में शिक्षकों की उपस्थिति रही। दमोह जिले की धर्मेंद्र साहू पत्रकार दमोह जिले के कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर।
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