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मध्य प्रदेश: बौद्ध विरासत संरक्षण: ज्ञापन में बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग

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मध्य प्रदेश  Published by: Fulchand Malviya , Date: 20/09/2025 05:12:00 pm Share:
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  • 20/09/2025 05:12:00 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: महराजगंज जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से बिहार  मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बौद्ध विरासत बचाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।

विस्तार

मध्य प्रदेश: महराजगंज जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से बिहार  मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बौद्ध विरासत बचाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की गई है। बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपा जाना चाहिए। वर्तमान में बौद्ध विरासत को नुकसान पहुंच रहा है और बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। ज्ञापन सौंपने वाले संगठनों के प्रतिनिधि मिशन महाराजा बली सेना संगठन मध्य प्रदेश के संस्थापक राहुल नवरंग ने कहा बौद्ध विरासत को बचाना हमारा कर्तव्य है। हमें इसके लिए एकजुट होकर काम करना होगा। ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष नरेश कुशवाह ने कहा बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने से ही बौद्ध विरासत की रक्षा हो सकती है। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष ने कहा बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और हमें इसके लिए कुछ करना होगा। ज्ञापन सौंपने के बाद बौद्ध अनुयायियों ने कलेक्ट्रेट तक मार्च किया और नारे लगाए। उन्होंने बोधगया में बौद्ध विरासत के संरक्षण और बौद्ध समुदाय के अधिकारों की मांग की अब देखना यह है कि सरकार इस ज्ञापन पर क्या कार्रवाई करती है। सरकार से मांग बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए। 
बौद्ध विरासत की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों  इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग बौद्ध अनुयायियों ने कलेक्ट्रेट तक मार्च किया और नारे लगाए। बौद्ध विरासत को बचाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है और सरकार से मांग की गई है कि बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत बौद्ध स्थलों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए अब देखना यह है कि सरकार इस ज्ञापन पर क्या कार्रवाई करती है।