-
☰
Supreme Court vs Central Govt: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया बड़ा झटका, पार्टियों को दिए गुप्त चंदे का होगा खुलासा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया बड़ा झटका - Photo by : Social Media
संक्षेप
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र में मौजूद सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र से बीते 5 सालों के चंदे का हिसाब भी माँगा है। आपको बता दें कि अब निर्वाचन आयोग को कोट में ये जवाब देना होगा कि, उन्होंने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि, ये सारी जानकारी SBI से इकठ्ठा करके निर्वाचन आयोग अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा करें।
विस्तार
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र में मौजूद सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र से बीते 5 सालों के चंदे का हिसाब भी माँगा है। आपको बता दें कि अब निर्वाचन आयोग को कोट में ये जवाब देना होगा कि, उन्होंने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि, ये सारी जानकारी SBI से इकठ्ठा करके निर्वाचन आयोग अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा करें। RTI अधिनियम का उल्लंघन इस मामले में पहले भी सुनवाई हुई थी, जिसका आज फैसला आया है। किसी भी पार्टी को गुप्ता तरीके से चंदा देने पर यह पूरा मामला है। इस केस में पांच जजों की संविधान पीठ ने लगातार तीन दिन की सुनवाई के बाद 2 नवंबर, 2023 को अपना फैसला आज की तारीख पर टाल दिया था। आज जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया तो कहीं न कहीं सरकार को एक बड़ा झटका लगा।
कोर्ट ने कहा कि, चुनावी बॉन्ड योजना में गोपनीय का प्रावधान, सूचना का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(ए) के अंतर्गत कानून का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जनता को भी यह जानकारी मिलेगी कि, किसने और किस पार्टी की फंडिंग की है। बता दें कि, चुनावी बॉन्ड योजना को कोर्ट में चार लोगों ने चुनौती दी थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसने केंद्र को हिला कर रख दिया।
राजस्थान: संघर्ष महिला मंच की वार्षिक सभा में महिलाओं ने साझा किए अनुभव, सशक्तिकरण पर हुई चर्चा
राजस्थान: दौसा में दलित अधिकार केंद्र की सामाजिक समरसता बैठक सम्पन्न, समानता व भाईचारे पर जोर
मध्य प्रदेश: नगर निगम को 2014 कानून के तहत मांगों का पालन करने का निर्देश
मध्य प्रदेश: BSP ने कृष्ण पाल सिंह को देहरादून का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया
मध्य प्रदेश: RJD ने बिहार चुनाव में पार्टी विरोधी नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित किया
उत्तर प्रदेश: महाल में बाबा बेचू वीर का भव्य मेला, लाखों श्रद्धालु करते हैं मन्नतें पूरी