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उत्तर प्रदेश: स्कूलों में मोबाइल फोन पर पाबंदी जरूरी: हिमाचल प्रदेश ने दी मिसाल
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: स्कूलों में स्टूडेंट्स के फोन का इस्तेमाल एक बड़ी समस्या बन गई है! ज्यादातर स्कूलों में बच्चों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर बैन रहता है।लेकिन कुछ स्कूलों में आज भी बच्चे मोबाइल का स्तेमाल करते है बल्कि
विस्तार
उत्तर प्रदेश: स्कूलों में स्टूडेंट्स के फोन का इस्तेमाल एक बड़ी समस्या बन गई है! ज्यादातर स्कूलों में बच्चों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर बैन रहता है।लेकिन कुछ स्कूलों में आज भी बच्चे मोबाइल का स्तेमाल करते है बल्कि अगर शिक्षक उन्हें रोकने वे टोकते हैं तो वह लगने को उतारू हो जाते है बल्कि छात्रों को स्कूल में प्रवेश करते समय अपने फोन जमा करने और घर लौटते समय उन्हें वापस लेने की व्यवस्था होनी चाहिए तथा स्कूलों में मोबाइल फोन और स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध (बैन) या सख्त रेगुलेशन जरूरी है ताकि पढ़ाई में रुकावट न आए बल्कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने सरकारी स्कूलों में मोबाइल, स्मार्टवॉच और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसके पीछे मुख्य कारण ध्यान भटकना, नकल, साइबर बुलिंग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताएं हैं।इसलिए हर राज्यों को भी स्कूलों में मोबाइल पर पाबंदी लगानी चाहिए!मोबाइल फोन कक्षा में ध्यान भंग करते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।यह भी अच्छी पहल है की हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य ने स्कूलों में मोबाइल के साथ-साथ स्मार्टवॉच और टैबलेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।बल्कि जहाँ कुछ लोग सुरक्षा के लिए फोन को जरूरी मानते हैं, वहीं अधिकांश विशेषज्ञ शिक्षा के माहौल को सुचारू बनाने के लिए इसके उपयोग को सीमित करने की वकालत कर रहे हैं और बच्चों के साथ-साथ, कुछ स्थानों पर शिक्षकों के लिए भी कक्षा के समय मोबाइल इस्तेमाल पर पाबंदी लगनी चाहिए।स्कूलो में फोन को लॉकर्स में रखने या स्कूल में प्रवेश के समय जमा कराने की नीति भी अपनाई जानी चाहिए ताकि पढ़ाई के माहौल को अनुशासित रखा जा सके।
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