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मध्य प्रदेश: ट्रांसफर डीड वाले पुराने निवेशकों को डीमैट का अवसर क्यों न मिले?"

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मध्य प्रदेश  Published by: Kamal Patni , Date: 08/11/2025 05:29:26 pm Share:
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  • 08/11/2025 05:29:26 pm
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: हाल ही में सेबी (SEBI) ने पुराने निवेशकों को अपने फिजिकल शेयरों को डीमैट (Demat) कराने का एक और अवसर दिया है। यह कदम निश्चित रूप से निवेशकों के हित में है, क्योंकि

विस्तार

मध्य प्रदेश: हाल ही में सेबी (SEBI) ने पुराने निवेशकों को अपने फिजिकल शेयरों को डीमैट (Demat) कराने का एक और अवसर दिया है। यह कदम निश्चित रूप से निवेशकों के हित में है, क्योंकि डीमैट प्रणाली से न केवल पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि धोखाधड़ी और जालसाजी के मामलों में भी कमी आती है। लेकिन इस व्यवस्था में एक गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है —
कई निवेशकों के पास ऐसे फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट हैं जो उन्होंने ट्रांसफर डीड (Transfer Deed) के साथ खरीदे थे, परंतु किसी कारणवश वे कंपनी के रिकॉर्ड में ट्रांसफर नहीं करा पाए अब ये शेयर ना तो कंपनी के रजिस्टर में उनके नाम पर हैं, और ना ही डीमैट हो पा रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि ऐसे हजारों निवेशक, जिन्होंने वैध रूप से ट्रांसफर डीड के साथ शेयर खरीदे थे, अब कानूनी रूप से ‘नो मैन ज़ोन’ में फंसे हुए हैं।

क्या सेबी को ऐसे निवेशकों के लिए एक विशेष व्यवस्था नहीं बनानी चाहिए? क्या एक “One Time Transfer Window” नहीं दी जानी चाहिए, जिसमें पुराने ट्रांसफर डीड धारक अपने शेयर कंपनी के रिकॉर्ड में ट्रांसफर करा सकें  क्या यह न्यायसंगत है कि जिसने वर्षों पहले अपने श्रम की कमाई से शेयर खरीदे, आज वह केवल तकनीकी प्रक्रिया के कारण अपने वैध अधिकार से वंचित रहे सेबी, जो निवेशकों के हितों की रक्षक संस्था मानी जाती है, को इस दिशा में तुरंत विचार करना चाहिए यदि ट्रांसफर डीड वैध प्रमाण के साथ उपलब्ध है जैसे स्टांप ड्यूटी, खरीदार-बेचने वाले के हस्ताक्षर, और तिथि सही हो  तो ऐसे मामलों में सीमित अवधि के भीतर पुनः ट्रांसफर की अनुमति देना न्यायसंगत और व्यावहारिक कदम होगा।  ऐसा निर्णय न केवल लाखों छोटे निवेशकों के लिए राहत लाएगा, बल्कि सेबी की “Investor Friendly Regulator” की छवि को और सशक्त करेगा।