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राजस्थान: दौसा में दलित अधिकार केंद्र की सामाजिक समरसता बैठक सम्पन्न, समानता व भाईचारे पर जोर

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राजस्थान  Published by: Rajendra , Date: 30/10/2025 01:29:52 pm Share:
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  • 30/10/2025 01:29:52 pm
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संक्षेप

राजस्थान: शिविर में दलित अधिकार केंद्र के  मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत मीमरोट ने केंद्र के  के बारे में परिचय देते हुए कहा कि केन्द्र दलित एवं महिलाओं पर अत्याचारों के मामलों में कानूनी हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलवाने का प्रयास करता

विस्तार

राजस्थान: शिविर में दलित अधिकार केंद्र के  मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत मीमरोट ने केंद्र के  के बारे में परिचय देते हुए कहा कि केन्द्र दलित एवं महिलाओं पर अत्याचारों के मामलों में कानूनी हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलवाने का प्रयास करता है इसी के साथ कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि समाज में आपसी प्रेम व भाईचारा की आवश्यकता है समाज में सभी वर्गों में समानता एवं एकता स्थापित कर अपने क्षेत्र का विकास के लिए सामाजिक समरसता कायम की जानी चाहिए किसी भी वर्ग में भेदभाव नहीं होना चाहिए सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए किसी भी वर्ग में असमानता का प्रमुख कारण सामाजिक असमानता है जिससे मानवीय एवं क्षेत्र विकास में बाधा उत्पन्न होने लगी है आजादी के इतने सालों बाद भी दलित समुदाय की बुनियादी अधिकारों से वंचित है दलितों के हित के लिए बाबा साहब के संघर्ष एवं उनके द्वारा जीते गए ऐतिहासिक अधिकारों को हमें याद करना चाहिए साथ ही दलित समाज के साथ हमें समाज की प्रभावशाली जातियों को भी संवेदनशील करने की आवश्यकता है समाज की सभी जातियों को संवेदनशील होकर काम करने पर ही जाति व्यवस्था जैसी अपमानजनक बुराइयों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। 


मांगीलाल बेरवा दलित अधिकार केंद्र डाटा मैनेजर ने बताया कि किसी भी देश की उन्नति बिना महिलाओं के संभव नहीं है हमें महिलाओं को साथ लेकर चलने की जरूरत है साथ ही महिलाओं के बने कानून जैसे घरेलू हिंसा अधिनियम कार्यस्थल परिणाम शोषण अधिनियम 2013 बालकों के विरुद्ध लैंगिक शोषण निवारण अधिनियम 2012 गुड टच  बेड टच के बारे में विस्तार पूर्वक बताया साथ ही दलित अधिकार केंद्र के बारे में बताते हुए कहा कि दलित अधिकार केंद्र सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान देकर हमारे मूल्य का अधिकारों की रक्षा की बाबा भीमराव अंबेडकर ने संविधान में आर्टिकल 17 में छुआछूत  भेदभाव को समाप्त कर दिया है  सुनीता देवी बैरवा जिला 

समन्वयक ने बताया कि भारत एक विविधताओं का देश है और यहां पर सभी धर्म एवं जाति के लोक निवास करते हैं भारत की संस्कृति एक अमूल्य संस्कृति है जिसमें सभी में आपस में भाईचारा एवं प्रेम बना रहता है जिस प्रकार प्रकृति किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है इस ही प्रकार से हमें सभी जातियों एवं धर्म का सम्मान करते हुए भेदभाव को समाप्त करना होगा ताकि अपने देश व अपने क्षेत्र का विकास हो सके इसके लिए हमें स्वयं में परिवर्तन लाना आवश्यक है जब तक हमारी सोच सकारात्मक नहीं होगी तब तक हम इस पुरानी रूढ़िवादी विचारों पर प्रहार नहीं कर सकते हैं। 

नाथी देवी सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि दलितों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं दलितों को कानून की जानकारी बहुत जरूरी है  दलितों को हो रहे अत्याचार का विरोध करना चाहिए सभी सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए  कोई भी कठोर कानून इस गैर बराबरी में मानवीय व्यवहार को खत्म नहीं कर सकते ह शिक्षा के प्रति योगदान दलितों को शिक्षा के प्रति जागरूक होना होगा और कानूनी जानकारी लेनी होगी
शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता अपने-अपने विचार रखे।  उक्त शिविर में जिले के विभिन्न क्षेत्र 60 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 
 


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